बिहार में बारिश से किसानों के चेहरे खिले
मानसून की बेरुखी के कारण बारिश नहीं होने से असहाय किसानों के चेहरों पर पिछले 24 घंटे में हुई बारिश के बाद एक बार फिर मुस्कान लौट आई है और उनके मन में अच्छी फसल की आस जगा दी है। किसान भी इस बारिश के बाद एक बार फिर खेतों में उतर गए हैं।
कृषि वैज्ञानिक भी मानते हैं कि बारिश से खेतों में लगी फसलों को फायदा होगा। पिछले 24 घंटों के दौरान राज्य के करीब सभी क्षेत्रों में बारिश हुई है। राजधानी पटना में जहां 77 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है वहीं पूर्णिया में 30 और गया में 19 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।
वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक रामकुमार प्रसाद सिन्हा ने आईएएनएस को बताया कि बारिश से खेतों में लगी धान की फसल को काफी लाभ मिलेगा।
उन्होंने कहा कि इससे दलहन और तिलहन को भी फायदा हुआ है। सिन्हा बताते हैं कि बारिश का सबसे अच्छा प्रभाव यह हुआ है कि खेतों को जरुरी नमी मिल गई है। परंतु उन क्षेत्रों में स्थिति अब भी बद्तर है जहां के किसान धान की रोपाई नहीं कर पाए हैं।
कृषि विभाग के आंकड़ों की मानें तो अब तक राज्य में मात्र 16़ 5 लाख हेक्टेयर भूमि में ही धान की रोपाई हो पाई है जबकि अब तक सामान्य तौर पर 32 लाख हेक्टेयर भूमि में धान की रोपाई हो जानी चाहिये थी। विभाग के एक अधिकारी की मानें तो बारिश से किसानों को कुछ फायदा अवश्य हुआ है।
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष भी मानसून की बेरूखी के कारण राज्य के सभी 38 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित कर दिया गया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।