संसद को संबोधित नहीं कर पाएंगे कैमरन
नई दिल्ली, 28 जुलाई (आईएएनएस)। दो दिवसीय भारत दौरे पर आए ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन की संसद के संयुक्त बैठक को संबोधित करने की इच्छा पूरी नहीं हो सकेगी। अधिकारियों का कहना है कि प्रोटोकॉल और समय निर्धारण की परेशानी के चलते यह संभव नहीं है।
मई 2010 में प्रधानमंत्री चुने गए कैमरन ने भारत यात्रा को अपनी प्राथमिकता बताया था। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, "शुरुआती विचार-विमर्श में ही यह स्पष्ट हो गया था कि ब्रिटिश अधिकारी यात्रा को महत्वपूर्ण बनाना चाहते हैं। उन्होंने कैमरन द्वारा संयुक्त बैठक को संबोधित कराए जाने का सुझाव भी दिया था।"
इस प्रस्ताव पर साउथ ब्लॉक में काफी चर्चा हुई थी और इस फाइल को लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार के पास भी भेजा गया था।
अधिकारी ने कहा कि प्रोटोकॉल से संबंधित मुद्दों के चलते इस प्रस्ताव पर सहमति नहीं बन सकी। प्रोटोकॉल के तहत केवल राष्ट्रों के अध्यक्ष ही संसद के संयुक्त बैठक को संबोधित कर सकते हैं। इसके अलावा संसद में तीखी बहस के माहौल में इस कार्यक्रम को शामिल करना काफी मुश्किल भरा है। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह राजनीतिक निर्णय है।
उन्होंने कहा, "प्रोटोकॉल के तहत ब्रिटेन की महारानी ही भारतीय संसद को संबोधित कर सकती हैं।"
पिछले कुछ वर्षो में तत्काल अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, रूस के तत्कालीन राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन और जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो अबी संसद के संयुक्त सदन को संबोधित कर चुके हैं। जापान के मामले में प्रोटोकॉल लागू नहीं हुआ है क्योंकि इससे पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपनी यात्रा के दौरान जापानी संसद (डाइट) को संबोधित किया था।
राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील अक्टूबर 2009 में ब्रिटेन की आधिकारिक यात्रा के दौरान ब्रिटिश संसद को संबोधित कर चुकी हैं।
कैमरन मंगलवार रात को अब तक के सबसे बड़े शिष्टमंडल के साथ भारत की दो दिवसीय यात्रा पर बेंगलुरू पहुंचे।
अधिकारियों के मुताबिक ब्रिटिश अधिकारी कैमरन की यात्रा को वर्ष 2008 में गार्डन ब्राउन की भारत यात्रा से महत्वपूर्ण बनाना चाहते हैं।
इस यात्रा के दौरान कैमरन को दिल्ली विश्वविद्यालय की ओर से मानद उपाधि दी जाएगी और वह दिल्ली स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में भी एक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। इसके बाद वे प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए निजी भोज में शामिल होंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।