केरल उच्च न्यायालय ने कांग्रेस सांसद को राहत दी
सुरेश अलपुझा जिले के अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र मवेलीकारा से चुनाव जीते हैं।
सुरेश ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी कि न्यायालय उनका चुनाव रद्द करने के फैसले पर एक महीने के लिए रोक लगाए ताकि वह इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय में अपील कर सकें।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश शशिधरन नांबियार ने सुरेश को तीन सप्ताह का समय दिया, लेकिन कहा कि इस अवधि के दौरान वह केवल संसद की कार्यवाही में हिस्सा ले सकते हैं। वह भत्ते के हकदार नहीं होंगे और न ही लोकसभा में मतदान में हिस्सा ले सकेंगे।
सोमवार को उच्च न्यायालय ने यह कहकर सुरेश का चुनाव रद्द करने का फैसला किया था कि सुरेश अनुसूचित जाति की श्रेणी में उम्मीदवार बनने के पात्र नहीं हैं और उनका नामांकन स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए था।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के आर.एस.अनिल और दो अन्य ने उच्च न्यायालय में सुरेश के खिलाफ याचिका दायर की थी। सुरेश ने अनिल को वर्ष 2009 के चुनाव में 40,000 मतों से हराया था।
सुरेश इससे पहले चार बार (1989,1991,1996 और 1999 में) अदूर सुरक्षित संसदीय क्षेत्र से विजयी हुए हैं।
याचिकाकर्ताओं ने न्यायालय को बताया कि सुरेश जन्म से ईसाई थे और उन्होंने बाद में धर्मातरण किया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।