अमन काचरु रैगिंग मामले के आरोपियों की जमानत रद्द (लीड-1)
न्यायालय ने आरोपियों को कांगड़ा जिले के धर्मशाला स्थित त्वरित न्यायालय में गुरुवार सुबह 10 बजे तक आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया।
जमानत रद्द करने का फैसला न्यायमूर्ति डी.डी.सूद ने सुनाया। उन्होंने सरकार से जानना चाहा था कि क्यों न उनकी जमानत रद्द कर दी जाए। सत्र न्यायालय से आरोपियों को मिली जमानत का उन्होंने स्वत: संज्ञान लिया था।
खंडपीठ ने आरोपियों के वकील की याचिका स्वीकार कर उनको आत्मसमर्पण करने की अनुमति दी। पहले उन्होंने चारों को तत्काल गिरफ्तार करने का आदेश दिया था।
धर्मशाला के एक सत्र न्यायालय ने चारों आरोपियों अजय वर्मा, नवीन वर्मा, अभिनव वर्मा और मुकुल शर्मा को 16 महीने की हिरासत के बाद गत 17 जुलाई को जमानत दी थी।
उच्च न्यायालय ने धर्मशाला की त्वरित अदालत को मामले की रोजाना सुनवाई करने का निर्देश दिया।
सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता आर.के.बावा ने कहा कि आरोपियों को मुकदमे के बीच में जमानत दी गई। उनको जमानत नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि वे साक्ष्यों को प्रभावित कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जमानत देना कानून के खिलाफ है।
कांगड़ा जिले के थंडा कस्बे में स्थित राजेंद्र प्रसाद चिकित्सा महाविद्यालय के अंतिम वर्ष के चार छात्रों द्वारा 19 वर्षीय काचरु की कथित तौर पर रैंगिक करने के कुछ ही घंटों के भीतर आठ मार्च 2009 को मौत हो गई थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।