नायडू के खिलाफ आरोप वापस, औरंगाबाद में भारी नाटक (राउंडअप इंट्रो-1)
औरंगाबाद (महाराष्ट्र), 20 जुलाई (आईएएनएस)। कानून और व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति के मद्देनजर महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार शाम तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के अध्यक्ष चंद्रबाबू नायडू और उनके समर्थकों के खिलाफ आरोप वापस लेने और उन्हें वापस आंध्र प्रदेश भेजने का फैसला किया। लेकिन औरंगाबाद हवाईअड्डे पर उस समय भारी नाटक शुरू हो गया, जब नायडू और उनके समर्थकों ने हैदराबाद जाने वाले विमान पर सवार होने से इंकार कर दिया।
हवाईअड्डा के एक सूत्र ने कहा, "नायडू के अधिकांश समर्थक विमान के सामने लेट गए और उन्होंने विमान को रोक दिया। नायडू भी काफी समय बाद विमान पर किसी तरह सवार हुए।"
सूत्र ने कहा, "पुलिसकर्मियों को नायडू के एक-एक समर्थकों को उठाना पड़ा और उनसे विमान में सवार होने के लिए आग्रह करना पड़ा।"
नायडू समर्थकों और शिवसेना द्वारा पैदा किए गए हंगामे को नियंत्रित करने के लिए हवाईअड्डे पर लगभग 600 पुलिसकर्मी तैनात थे।
इसके पहले महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार शाम नायडू और उनके समर्थकों के खिलाफ सभी आरोपों को वापस लेने और उन्हें वापस हैदराबाद भेजने का फैसला किया।
इससे पहले जिलाधिकारी अजय घुलाने ने कहा था कि राज्य के विधि एवं न्याय मंत्रालय की सिफारिश पर यह फैसला किया गया।
घुलाने ने आईएएनएस से कहा, "नायडू और उनके 65 समर्थकों के खिलाफ सभी आरोप वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और इसे कुछ ही घंटे में पूरा कर लिया जाएगा। उसके बाद उन्हें आंध्र प्रदेश भेजने की व्यवस्था की जाएगी।"
मुंबई में आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि प्रदेश में नायडू के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन और तेदेपा के बाबली बांध विरोधी आंदोलन को देखते हुए यह कदम उठाया गया है।
घुलाने ने कहा था कि महाराष्ट्र सरकार नायडू और उनके समर्थकों को विशेष विमान से हैदराबाद भेजने की व्यवस्था कर रही है।
उल्लेखनीय है कि तेदेपा गोदावरी नदी पर बाबली बांध का यह कहते हुए विरोध कर रही है कि इससे आंध्र प्रदेश के तेलंगाना क्षेत्र में नदी का प्रवाह प्रभावित होगी। इस विवाद में नायडू और उनके समर्थकों को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया था।
इससे पहले मंगलवार दिन में विरोध प्रदर्शनों और पुलिस लाठीचार्ज के बीच तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू और उनके साथियों को मंगलवार को धर्माबाद से औरंगाबाद जेल भेजा गया।
नायडू और उनके साथियों को 26 जुलाई तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। नांदेड़ से औरंगाबाद केंद्रीय जेल तक 350 किलोमीटर लंबे मार्ग पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।
नायडू के उग्र समर्थकों ने उन्हें औरंगाबाद ले जाए जाने का विरोध करते हुए आईटीआई का घेराव किया। इस दौरान पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। लाठीचार्ज में कथित रूप से छह विधायक घायल हुए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।