अफगान सम्मेलन में प्रमुख योजनाओं को मंजूरी (लीड-1)
काबुल, 20 जुलाई (आईएएनएस)। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने अफगानिस्तान के भविष्य पर यहां आयोजित सम्मेलन में मंगलवार को मदद की धनराशि पर अफगानिस्तान सरकार को और अधिक नियंत्रण दे दिया। इसके साथ ही वर्ष 2014 तक सुरक्षा की जिम्मेदारी राष्ट्रीय बलों को सौंपे जाने की योजना को भी मंजूरी दे दी।
इस सम्मेलन में 57 देशों सहित लगभग 70 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों और 11 क्षेत्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने हिस्सा लिया। सम्मेलन में अफगानिस्तान के राजनीतिक और आर्थिक सुधारों तथा निश्चित समय सीमा के भीतर प्रशासनिक भ्रष्टाचार के खिलाफ लगाम लगाने सहित प्रशासन में सुधार लाने पर भी चर्चा हुई।
लगभग 40 विदेश मंत्रियों सहित सम्मेलन में आए प्रतिनिधियों द्वारा छह घंटे की चर्चा के बाद तैयार किए गए अंतिम घोषणा पत्र में कहा गया है, "सम्मेलन में हिस्सा लेने आए प्रतिनिधियों ने संप्रभु राष्ट्र के रूप में अफगान सरकार के नेतृत्व का समर्थन किया।"
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई ने मंगलवार को सम्मेलन का शुभारंभ किया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 तक पूरे देश में सभी सैन्य एवं कानून बहाली अभियानों की जिम्मेदारी अफगानी बलों पर होगी।
करजई ने सम्मेलन बाद संवाददाताओं को बताया, "अफगानिस्तान की जनता और अपने अंतर्राष्ट्रीय साझेदारों से यह हमारा एक वादा है। यह एक राष्ट्रीय उद्देश्य है, जिसे हमें पूरा करना है और हम हर हाल में इसे पूरा करेंगे।"
अक्टूबर 2011 तक अफगानी सेना और पुलिस बलों के पास जवानों की संख्या 300,000 से अधिक हो जाने की संभावना है। लेकिन आतंकवाद के स्तर और स्वदेशी बलों में वृद्धि की योजना के अभाव के मद्देनजर पर्यवेक्षकों का मानना है कि 2014 का अफगानिस्तान का लक्ष्य अति महत्वाकांक्षी है।
करजई को अपनी शांति योजना पर भी अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से मंजूरी मिल गई। इस योजना का मकसद 36,000 आतंकियों को 2015 तक हथियार डालने के लिए राजी कराना है।
करजई ने कहा कि शांति योजना उनके लिए है, जो हमारे संविधान को स्वीकार करना चाहेंगे और अलकायदा के आतंकी नेटवर्क से अपना नाता तोड़ना चाहेंगे।
अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने कहा कि उनका देश इस पहल का समर्थन करेगा, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारा समर्थन इस बात पर निर्भर करेगा कि क्या आतंकी हिंसा और अलकायदा से नाता तोड़ कर सुलह करना और देश की मुख्यधारा में शमिल होना चाहते हैं या नहीं।
अफगानिस्तान के वित्त मंत्री हजरत उमर जाखिलवाल ने कहा कि सम्मेलन के प्रतिनिधि इस बात पर भी सहमत हो गए कि वादा किए गए लगभग 13 अरब डॉलर की मदद का 50 प्रतिशत हिस्सा अगले दो वर्षो के दौरान अफगानिस्तान सरकार को उपलब्ध करा दिया जाएगा।
सम्मेलन के आरंभ होने से पहले अफगान अधिकारियों ने उम्मीद जताई थी कि सरकार की प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए दानदाता देशों द्वारा 13 अरब डॉलर की जिस रकम का वादा किया गया है उसका 80 फीसदी हिस्सा मिलेगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।