नेपाल में वामपंथियों में सहमति बनी, माओवादी दुविधा में
काठमांडू, 20 जुलाई (आईएएनएस)। नेपाल में प्रधानमंत्री के पद के लिए बुधवार को होने जा रहे चुनाव के लिए उम्मीदवार तय करने की समय सीमा खत्म होने वाली है लेकिन माओवादी अब तक अपना उम्मीदवार तय नहीं कर पाए हैं। वहीं देश की अन्य दो बड़ी राजनीतिक पार्टियों के बीच उम्मीदवार के नाम पर सहमति बन गई है।
वामपंथी पाटिर्यो के प्रमुख नेताओं में मतभेद के बावजूद मंगलवार को दोनों पार्टियों ने आपनी मतभिन्नताओं पर पत्र प्रस्तुत किया और निर्णय लेने वाली केंद्रीय समिति ने वरिष्ठ नेता झालानाथ खनाल को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की।
पुरानी प्रतिद्वंदिता को पीछे छोड़ते हुए कार्यकारी प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल ने मंगलवार को केंद्रीय समिति की बैठक में खनाल के नाम का प्रस्ताव दिया जिसका वरिष्ठ नेता विष्णु पोडेल ने समर्थन किया।
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल- यूनिफाईड मार्क्सिस्ट लेनिननिस्ट (यूएमएल) दो पार्टियों का गठबंधन है।
प्रस्ताव में कहा गया कि यदि चुनाव से पहले अंतिम समय तक विपक्षी दलों के सहयोग से 601 सांसदों का दो-तिहाई बहुमत नहीं जुटाया जा सका तो खनाल का नामांकन रद्द कर दिया जाएगा।
वहीं संसद में सबसे बड़ी पार्टी माओवादी पूरी तरह से बंटे हुए नजर आए।
पार्टी का एक धड़ा खनाल का समर्थन कर रहा है तो दूसरा पूर्व वित्त मंत्री बाबूराम भट्टराई का समर्थन कर रहा है।
नेपाल में यदि बुधवार के चुनाव में मजबूत सरकार का गठन नहीं हो पाता है तो नए संविधान को 2011 तक लागू नहीं किया जा सकेगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।