रक्षा क्षेत्र में मौजूदा 26 फीसदी से 74 फीसदी होगा एफडीआई
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वर्तमान में देश के रक्षा क्षेत्र का 26 प्रतिशत एफडीआई या प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए खुला हुआ है। लेकिन देश अब अपने रक्षा क्षेत्र को विदेशी पूंजी निवेश के लिए 74% तक खोल रहा है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय को इस आर्थिक सुधार के लिए अब सिर्फ एक मंजिल और पार करनी है। उद्योग मंत्रालय को इस डील के लिए सिर्फ रक्षा मंत्रालय की संस्तुति भर लेनी बाकी है।
प्रधानमंत्री के बयान से ये तय हो चुका है कि रक्षा मंत्रालय की सहमति में भी अब अधिक देर नहीं होगी। रक्षा मंत्रालय जुलाई तक एफडीआई की सीमा बढ़ाये जाने के लिए अपनी संस्तुति दे देगा। उल्लेखनीय है कि विचार पत्र प्रस्तुत होने के बाद रक्षा मंत्री एके एंटनी ने कहा था कि एफडीआई की सीमा 26 प्रतिशत ही रहनी चाहिए लेकिन विशिष्ट मामलों में इसे 49 फीसदी किया जा सकता है।
औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) के निदेशक दीपक नरेन ने कहा, "एफडीआई नीति के संबंध में सब कुछ इसी साल के सितंबर तक स्पष्ट हो जाएगा। सितंबर तक सरकार सभी क्षेत्रों में एफडीआई के संबंध में समीक्षा पूरी कर लेगी, इस समीक्षा में रक्षा, रिटेल, दूरसंचार, कृषि आदि सभी क्षेत्र शामिल हैं। यह प्रस्ताव सरकार की नीति का स्वरूप लेगा क्योंकि इस प्रक्रिया के दौरान सभी हिस्सेदारों की सहमति ली जाएगी।"