पीरामल का ब्रांडेड दवा व्यापार खरीदेगी अबॉट
अबॉट पिछले सौ साल से भारत में काम कर रही है और इसके कुछ ब्रांड क्रेमफिन, ब्रूफेन और डायजिन हैं। कंपनी ने बताया कि वह अजय जी पीरामल की कंपनी को 2.12 अरब डॉलर का अग्रिम भुगतान करेगी। बाकी राशि प्रति वर्ष 40 करोड़ डॉलर के हिसाब से चार सालों में दी जाएगी।
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फेंसिडिल, पेराक्सिन और पेंटिड्स जैसे दवा ब्रांडों की मालिक पीरामल समूह के अध्यक्ष पीरामल ने कहा, "इस डील के बाद संयुक्त स्वास्थ्य व्यापार के जरिए अबॉट इस क्षेत्र में सात फीसदी बाजार हिस्सेदारी के साथ देश की सबसे बड़ी कंपनी हो जाएगी।"
अबॉट को पीरामल के अधिग्रहण के बाद 20 फीसदी वार्षिक वृद्धि दर के साथ 2020 तक अपना करोबार 2.5 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। 2009-10 में पिरामल समूह के विभिन्न व्यापारों का कुल कारोबार एक अरब डॉलर का है।
कंपनी को पीरामल की ब्रांडेड जेनेरिक दवाओं का व्यापार 50 करोड़ डॉलर होने का अनुमान है। अबॉट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी माइल्स डी व्हाइट ने कहा, "कंपनी का यह रणनीतिक कदम उसे इस क्षेत्र में, आकर्षक और सबसे तेज गति से बढ़ रहे बाजार भारत की सबसे बड़ी कंपनी बना देगा।"
दोनों कंपनियों का अनुमान है कि इस साल के अंत तक देश में ब्रांडेड दवाओं का कारोबार आठ अरब डॉलर तक पहुंच जाएगा। इसके चलते भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला दवा बाजार है। कारोबार के लिहाज से भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा दवा बाजार है।
पीरामल हेल्थकेयर तीसरे समूह के लिए किया जा रहा निर्माण, क्रिटिकल केयर, ओवर द काउंटर प्रोडक्ट, प्रमुख चिकित्सकीय उत्पादों का निर्माण, विटामिन, नैदानिक (डायग्नोस्टिक) चिकित्कीय उपकरण, नैदानिक सेवाएं और चिकित्सकीय शोध सेवाओं के व्यापार को अपने पास ही रखेगी।
बिक्री की शर्तो के मुताबिक पिरामल और इसके साझेदार जेनेरिक दवाओं का व्यापार भारत में नहीं करेंगे और न ही बिक्री किए जा रहे उद्यमों के उत्पादों का निर्माण और विपणन विकासशील देशों में करेंगे।
शुक्रवार को पीरामल हेल्थकेयर का शेयर बांम्बे स्टॉक एक्सचेंज में कल के अंतिम स्तर की तुलना में 2.87 प्रतिशत बढ़कर 586 रुपये पर पहुंच गया। समूह की एक और कंपनी पीरामल लाइफसाइंस का शेयर 4.98 प्रतिशत बढ़कर 124.30 रुपये पर पहुंच गया।