महिला विधेयक पर भाजपा में विरोधी सुरों ठंडा करने की कोशिशें शुरू (लीड-1)
पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने गुरुवार शाम पार्टी सांसदों को चाय पर बुलाया है। इस बैठक में पार्टी के असंतुष्ट नेताओं को समझाने-बुझाने का प्रयास किया जाएगा।
इससे पहले आज सुबह लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली, लोकसभा में उपनेता गोपीनाथ मुंडे सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने एक बैठक कर असंतुष्ट नेताओं को समझाने बुझाने का प्रयास किया।
पार्टी ने यह तय किया है कि यदि यह विधेयक लोकसभा में आता है तो वह व्हिप जारी करेगी।
सुबह हुई बैठक के बाद सुषमा ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, "लोकसभा में यह विधेयक आया तो हम व्हिप जारी करेंगे। जहां तक रही पार्टी नेताओं में मतभेद की बात तो, ऐसा नहीं है।"
उन्होंने कहा, "हर पार्टी में असहमति रखने वाले कुछ नेता होते हैं लेकिन पार्टी की राय सामने होती है तो निजी विचार पीछे जाते हैं।"
ज्ञात हो कि भाजपा ने राज्यसभा में इस विधेयक पर मतदान के लिए व्हिप जारी किया था। राज्यसभा सदस्य विनय कटियार इस विधेयक के विरोध में थे लेकिन व्हिप जारी होने के बाद उन्होंने विधेयक के समर्थन में मतदान किया था।
उधर, गोरखपुर से भाजपा के सांसद योगी आदित्यनाथ ने इस विधेयक का खुलकर विरोध किया।
आदित्यनाथ ने संसद भवन परिसर में आईएएनएस से बातचीत में कहा, "इसकी कोई आवश्यकता ही नहीं है। हम किसी भी प्रकार के आरक्षण के विरोध में हैं। अपनी क्षमता के आधार पर लोगों को संसद में चुनकर आना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि इस विधेयक के मसले पर भाजपा नेतृत्व कांग्रेस सरकार के झांसे में आ गया।
उन्होंने कहा, "देश में और भी कई मुद्दे हैं जिस पर संसद में चर्चा की जानी चाहिए। लोग महंगाई से त्रस्त हैं। नक्सलवाद और आतंकवाद जैसी गंभीर समस्या बनी हुई हैं। सरकार इस विधेयक के जरिए महत्वपूर्ण मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाना चाहती है।"
महिला आरक्षण विधेयक के राज्यसभा में पास होने को आदित्यनाथ ने 'बिन मौसम बरसात' करार दिया। उन्होंने कहा, "कहीं से भी इसकी कोई मांग नहीं है। सदन का समय बर्बाद किए जाने के लिए यह सब किया जा रहा है तकि अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा न हो सके।"
यह पूछे जाने पर कि यदि यह विधेयक लोकसभा में आया तो क्या वह इसके समर्थन में मतदान करेंगे, इसके जवाब में उन्होंने कहा, "नहीं, व्हिप भी जारी हो गया तो मैं इसके समर्थन में मतदान नहीं करूंगा।"
उन्होंने कहा कि पार्टी के अंदर और भी कई सांसद है जो इसके विरोध में हैं।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावडेकर ने भी उन खबरों का खंडन किया, जिनमें कहा जा रहा था कि पार्टी में महिला आरक्षण को लेकर मतभेद है।
जावडेकर ने कहा, "हम एक लोकतांत्रिक दल है, जहां हर किसी को अपने-अपने विचार रखने की स्वतंत्रता है, लेकिन जहां तक पार्टी की बात है तो सभी को पार्टी के विचारों के अनुसार चलना होता है।"
लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक रमेश बैस ने बुधवार को कहा था कि इस विधेयक को लेकर पार्टी में असंतोष है। उन्होंने कहा था कि इस विधेयक को लेकर सदस्यों की अलग-अलग राय है लेकिन जब लोकसभा में यह विधेयक आएगा तो सभी पार्टी के फैसले के साथ रहेंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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