चिदंबरम ने सुरक्षा ढांचें के पुनर्गठन का सुझाव दिया (लीड-1)
22वें इंटेलीजेंस ब्यूरो सेंटेनरी एंडोवमेंट व्याख्यान में बुधवार को उन्होंने कहा, "मेरा स्पष्ट मानना है कि अगले पांच से 10 वर्षो में आने वाली चुनौतियों को देखते हुए गृह मंत्रालय आंतरिक सुरक्षा और इससे संबंधित मामलों को समर्पित होना चाहिए।"
उन्होंने कहा कि आंतरिक सुरक्षा से जिन विषयों का सीधा संबंध नहीं है उनको एक अलग मंत्रालय या गृह मंत्रालय के ही अधीन एक अलग विभाग में दिया जा सकता है। इस विभाग का प्रभार एक मंत्री को सौंपा जाए जो हर मुद्दे को बिना गृह मंत्री को बताए स्वतंत्र तरीके से निपटाए।
चिदंबरम ने कहा कि गृह मंत्रालय का ढांचा ऐसा है कि उसे स्वतंत्रता सेनानियों से लेकर फोरेंसिक विज्ञान तक के मामलों को देखना होता है। उन्होंने कहा कि आंतरिक सुरक्षा पर अधिक नहीं तो बराबर ध्यान देने की आवश्यकता है। मौजूदा समय की चुनौतियों को देखते हुए मंत्रालय के कार्यो का विभाजन अनिवार्य है।
उन्होंने कहा, "हम आंतरिक सुरक्षा की जिन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं और जिनका सामना अगले कई वर्षो में करेंगे, उससे निपटने के लिए क्या यह कार्यात्मक व्यवस्था है? यह सही है कि गृह मंत्रालय के पास बहुत अधिकार है लेकिन अब गृह मंत्रालय बहुत से ऐसे कार्य करता है जिनका आंतरिक सुरक्षा से कोई संबंध नहीं है।"
उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के मामले को निपटाने के लिए मंत्रालय में एक अलग डिविजन है लेकिन फोरेंसिक विज्ञान के मामलों के लिए कोई अलग डेस्क नहीं है।
गृह मंत्री ने कहा कि मंत्रालय में केंद्र-राज्य संबंधों, राज्यों के कानूनों, मानव अधिकारों, संघीय क्षेत्रों, आपदा प्रबंधन और जनगणना के लिए अलग डेस्कें हैं। इन मामलों को आतंरिक सुरक्षा से अब कोई सीधा संबंध नहीं है।
चिदंबरम ने कहा कि प्रस्तावित राष्ट्रीय आतंकवाद निरोधक केंद्र के गठन से मौजूदा खुफिया एजेंसियों की जवाबदेही बदलकर नए संस्थान के प्रति हो जाएंगी।
चिदंबरम ने कहा, "जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, इसका मकसद आतंकवाद का खात्मा करना होगा। वर्तमान में इस तरह का कोई भी संगठन नहीं है, जबकि इसकी स्थापना की जरूरत है। मुझे बताया गया है कि अमेरिका 9/11 की घटना के बाद 36 महीने के अंदर ऐसा कर पाया था।"
उन्होंने कहा, "भारत 36 महीने इंतजार नहीं कर सकता। भारत को अभी यह निर्णय लेना होगा और वर्ष 2010 के अंत तक इसे स्थापित करने में सफलता हासिल करनी होगी।"
गृह मंत्री ने राज्य सरकारों से और अधिक पुरुष व महिला पुलिसकर्मियों की भर्ती करने को कहा। उन्होंने कहा, "मेरे अनुमान के मुताबिक सभी रिक्त पद भरने के लिए राज्यों को इस साल और अगले दो वर्षो में 400,000 से ज्यादा कांस्टेबल नियुक्त करने होंगे।"
चिदंबरम ने कहा कि केंद्र सरकार ने 'नेशनल इंटेलीजेंस ग्रिड' (नेटग्रिड) स्थापित करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा, "नेटग्रिड के तहत खुफिया और प्रवर्तन एजेंसियों से बिना किसी बाधा के त्वरित गति से इच्छित जानकारी प्राप्त करने के लिए डेटाबेस के 21 सेट्स का नेटवर्क स्थापित किया जाएगा।" यह परियोजना 18 से 24 महीने में पूरी हो जाएगी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।