पाकिस्तान के अपने ज़माने के तेज़ गेंदबाज़, पूर्व कप्तान और अनुभवी विशेषज्ञ कमेंटेटर वसीम अकरम को भारत सरकार ने आठ अक्तूबर से शुरू होने वाली चैंपियंस लीग ट्वेंटी-20 टूर्नामेंट में कॉमेंट्री करने की इजाज़त नहीं दी है.
पाकिस्तान के एक अख़बार के मुताबिक़ दक्षिण अफ़्रीका में जारी चैंपियंस ट्रॉफ़ी में कॉमेंट्री कर रहे वसीम अकरम को जोहानसबर्ग से सीधे भारत पहुंचना था. सूत्रों के मुताबिक़ उन्हें ऐन मौक़े पर आयोजकों ने ये बताया कि भारत में होने वाली लीग में अब उनकी ज़रूरत नहीं रही. रिपोर्टों में ये भी कहा गया कि वसीम यह सुन कर हैरान रह गए.
उन्हें बाद में अनौपचारिक तौर पर बताया गया कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने भारत सरकार से मिले नीति निर्देशों के तहत आयोजकों से वसीम अकरम को बुलाने से परहेज़ करने के लिए कहा था. याद रहे कि पाकिस्तानी क्रिकेट बोर्ड ने अक्तूबर के महीने में ही लाहौर में होने वाले तेज़ गेंदबाज़ी के शिविर में अकरम को आमंत्रित किया था जिसे उन्होंने चैंपियंस लीग में अपनी व्यस्ता और प्रतिबद्धता के कारण ठुकरा दिया था.
कहा जाता है कि चूंकि इस टूर्नामेंट में न ही पाकिस्तान का कोई खिलाड़ी शामिल है और न ही वहाँ की कोई टीम भाग ले रही है इसलिए भारत सरकार ने बीसीसीआई को निर्देश दिया है कि वह पाकिस्तान के किसी खिलाड़ी को ऐसे किसी काम के लिए आमंत्रित न करें तो बेहतर रहेगा.
अब यहां सवाल ये पैदा होता है कि क्या वसीम अकरम कोलकता नाइटराइडर्स (केकेआर) के लघु अवधि के शिविर में भाग ले सकेंगे?. वसीम अकरम ने जोहानसबर्ग में संवाददाताओं को बताया था कि केकेआर प्रबंधन ने उनसे कहा था कि जब वे भारत आएंगे तो वह उनके खिलाड़ियों के शिविर में शामिल होकर उन्हें प्रशिक्षण देंगे.
पाकिस्तान के एक अख़बार का कहना है कि ऐसा लगता है कि यह मुंबई हमले के बाद से भारत-पाक संबंधों में लगातार आने वाली गिरावट का नतीजा है जो यहां तक पहुंच गया है.