'देश में मुसलमानों के साथ भेदभाव'
एक निजी टेलीविजन चैनल को दिए इंटरव्यू में जसवंत सिंह ने कहा है कि "भारतीय मुसलमानों ने विभाजन की बड़ी कीमत चुकाई है। इसके बावजूद देश में उनके साथ भेदभाव किया जाता है। हालांकि, उनकी वफादारी दूसरे किसी भी भारतीय से कम नहीं है"।
गौरतलब है कि विभाजन पर आधारित अपनी पुस्तक में जसवंत सिंह ने पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना को एक महान भारतीय नेता बताते हुए कहा है कि देश का बंटवारा उनके कारण नहीं, बल्कि नेहरू की केंद्रीयकृत नीतियों की वजह से हुआ।
जिन्ना को समझने में गलती
जसवंत का यह भी कहना है कि भारत ने जिन्ना को समझने में गलती की और उन्हें विलेन बनाकर पेश किया। जसवंत सिंह ने कहा है कि जिन्ना के संघीय ढांचे की सोच पर महात्मा गांधी ने भी अपना समर्थन किया था।
जसवंत के अनुसार, 'अगर बंटवारे के बारे में अंतिम फैसला महात्मा गांधी, चक्रवर्ती राजगोपालाचारी या मौलाना अबुल कलाम आजाद को लेना होता तो देश को तोड़ने की नौबत ही नहीं आती।" जसवंत की किताब 'जिन्ना-इंडिया, पार्टिशन, इंडिपेंडेंस" का सोमवार को विमोचन होगा।
पार्टी का दस्तावेज नहीं
सिंह ने यह भी साफ कर दिया है कि यह किताब उन्होंने भाजपा सांसद की तरह नहीं बल्कि एक आम भारतीय की नजर से लिखी है इसलिए इसे पार्टी का दस्तावेज न समझा जाए। इससे पहले वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी भी जिन्ना को सेकुलर बताकर पार्टीजनों के निशाने पर आ चुके हैं।