मुद्रा स्फीति की दर अब भी नकारात्मक
वर्ष 1995 में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की शुरुआत के बाद पहली बार छह जून को समाप्त सप्ताह के दौरान यह दर नकारात्मक हुई थी। इससे पहले 1977 में मुद्रास्फीति की दर नकारात्मक हुई थी। नकारात्मक मुद्रास्फीति का मतलब संबंधित सप्ताह में औसत थोक मूल्य में कमी होना है। इसका खुदरा मूल्य से कोई खास लेना देना नहीं होता।
सप्ताह के दौरान प्राथमिक वस्तुओं का सूचकांक 0.7 फीसदी बढ़कर 260.3 (अस्थाई) हो गया जो इससे पिछले सप्ताह के दौरान 258.5 था। विनिर्मित वस्तुओं के सूचकांक में 0.1 फीसदी की कमी आई।
ईंधन और बिजली सूचकांक में 0.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और यह 338.2 से बढ़कर 338.4 हो गया। इस साल 16 मई को समाप्त सप्ताह के अंतिम आंकड़ों के मुताबिक उस समय मुद्रास्फीति की दर 1.65 फीसदी थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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