22 को सदी का सबसे लंबा सूर्यग्रहण
ग्रहण
की
छाया
से
इलाहाबाद
भी
अछूता
नहीं
है।
जनपद
के
दक्षिणी
तथा
दक्षिणी
पूर्वी
भाग
में
चंद्रमा
की
छाया
पूरी
तरह
फैलेगी।
कोरांव
बेल्ट
में
ग्रहण
की
छाया
देर
तक
बनी
रहेगी।
ग्रहण
की
सेंटर
लाइन
यहीं
से
होकर
गुजरेगी।
करीब
तीन
मिनट
तक
पूरा
क्षेत्र
अंधेरे
में
डूबा
रहेगा।
प्रकृति
के
इस
अद्भुत
खगोलीय
घटना
के
प्रति
वैज्ञानिकों
की
निगाहें
टिक
गई
हैं।
वैज्ञानिक
जुटे
ग्रहण के प्रभावों का अध्ययन करने के लिए देशभर से लगभग 500 शोधार्थी एवं शिक्षक भोपाल में जुटेंगे। वहीं ज्वाहर नक्षत्रशाला की ओर से वैज्ञानिकों की एक टीम कोरांव के कई स्थानों का दौरा कर चुकी है। इस बार कोरांव वैज्ञानिकों का केंद्र बिंदु बनेगा।
विज्ञान
एवं
प्रौद्योगिकी
विभाग,
जयपुर
के
अधिकारी
ए.के.भार्गव
ने
बताया
कि
सूर्य
ग्रहण
के
साथ
दिन
में
भी
तारों
का
अद्भुत
नजारा
दिखाई
देगा।
पूर्ण
सूर्य
ग्रहण
में
मंगल,
शुक्र
एवं
बुध
तीन
ग्रहों
का
आकर्षक
आकाशीय
नजारा
टेलीस्कोप
से
देखा
जा
सकेंगा।
हीरे
जैसा
दिखेगा
सूर्य
यह नजारा गुजरात, मध्यप्रदेश, झारखंड, बिहार आसाम, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश में दिखाई देगा। सूर्य के पूर्वी बिंब का पूर्वी कोर हीरे की लड़ी के समान चमकीला दिखाई देगा। इस दौरान सूर्य कुछ समय के लिए चमकते हीरे की अंगूठी के समान दिखेगा।
श्री धर्मज्ञानोपदेश संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य पं. देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी ने बताया कि ग्रहण के 12 घंटे पूर्व ही ग्रहण सूतक लग जायेगा। उन्होंने कहा सूर्य ग्रहण में चार प्रहर पहले और चंद्रग्रहण में तीन प्रहर पहले स्वस्थ लोगों को भोजन नहीं करना चाहिए।