राष्ट्रपति ने रैगिंग रोकने के लिए राज्यों से कानून बनाने को कहा
सभी राज्यपालों और उप राज्यपालों को लिखे पत्र में पाटिल ने उनसे रैगिंग की बुराई को समाप्त करने में सहायता करने को कहा है।
राष्ट्रपति कार्यालय से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है,"सर्वोच्च न्यायालय ने पहले ही रैगिंग पर कड़ा रुख अपनाया है और विभिन्न स्तरों पर पहले ही कानून सहित नियमों तथा प्रावधानों का निर्माण हो गया है या उनके निर्माण की प्रक्रिया जारी है। राज्यपालों को ऐसे कानूनों पर विचार करने की आवश्यकता है और यदि राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में उनका अस्तित्व नहीं है तो उन्हें बनाया जा सकता है।"
राष्ट्रपति ने कहा कि रैगिंग की विकृत प्रथा शिक्षण संस्थाओं में न केवल बढ़ती जा रही है वरन कुछ छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और जीवन को भी लील रही है।
राष्ट्रपति ने कहा कि संस्थाओं के प्रबंधन और अध्यापकों की प्राथमिक जिम्मेदारी है कि वे रैगिंग को रोकें।
उन्होंने कहा कि नए सत्र की शीघ्र हो रही शुरुआत को देखते हुए शिक्षा क्षेत्र और नागरिक समाज के सभी लोगों को गंभीरता से सोचने और रैगिंग को रोकने के लिए काम करने की आवश्यकता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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