जम्मू और कश्मीर पानी-बिजली की कमी से बेहाल
जम्मू इलाके में पिछले हफ्ते पारा 44 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया और ऐसे में लंबे समय की बिजली कटौती ने लोगों की समस्या और बढ़ा दी।
राज्य के ऊर्जा आयुक्त संदीप नायक ने कहा कि राज्य में 2,000 मेगावाट बिजली की जरूरत है लेकिन उत्पादन केवल 750 मेगावाट है।
उन्होंने कहा,"मांग और आपूर्ति के बीच इस भारी अंतर के कारण बिजली की कटौती हो रही है।"
नायक ने कहा कि चेनाब और तवी नदी का जलस्तर भी घट रहा है।
भूविज्ञानी जी.एम.बट ने बताया कि इसका कारण हिमनदों (ग्लेशियरों) का पिघलना है। हिमालय के ग्लेशियरों से नदियों को कम पानी मिल रहा है जिससे नदियां भी सिकुड़ रही हैं।
पानी की बढ़ती मांग और कम आपूर्ति के कारण धान के कटोरे रणबीरसिंहपुराके किसानों के सामने समस्या पैदा हो गई है।
जम्मू क्षेत्र के किसान समुदाय के प्रतिनिधि और पूर्व मंत्री गुलचैन सिंह चरक ने कहा कि खेतों की सिंचाई के लिए पानी नहीं है।
बट ने कहा कि मानसून के आने पर आशाएं टिकी हैं। भले ही यह देर से आए, उससे लाभ होगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।