न्यायाधीशों के लिए संपत्ति घोषणा अनिवार्य करने के लिए कानून बनेगा
मोइली ने संवाददाताओं से कहा,"मैंने कानून सचिव को मसौदे का अध्ययन करने के लिए फाइल भेजी है और आशा है कि एक-दो दिनों में अध्ययन पूरा हो जाएगा।"
मसौदे का ब्यौरा देने से इंकार करते हुए मंत्री ने कहा,"न्यायाधीश अपनी संपत्ति और जिम्मेदारियां घोषित करने जा रहे हैं। यह मानना गलत है कि न्यायाधीश इसके खिलाफ हैं। हम न्यायपालिक से टकराव के रास्ते पर नहीं है।"
मोइली ने कहा कि विधेयक का मसौदा दो जुलाई से आरंभ हो रहे बजट सत्र में संसद में पेश किया जाएगा।
देश में इस बात पर हमेशा बहस होती रही है कि सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय और जिला अदालतों के न्यायाधीशों को अपनी संपत्ति घोषित करनी चाहिए या नहीं।
वर्तमान में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश स्वेच्छा से देश के प्रधान न्यायाधीश के समक्ष अपनी संपत्ति और जिम्मेदारियों का विवरण पेश करते हैं। परंतु प्रधान न्यायाधीश ने इन ब्यौरों को सार्वजनिक करने से इंकार करते हुए जोर दिया कि पहले इन सूचनाओं के दुरुपयोग को रोकने के संबंध में एक कानून बनाया जाए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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