यूएई के इसराइल के साथ राजनयिक संबंध नहीं हैं और 21 वर्षीय पियर को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने देश में प्रवेश की इजाज़त नहीं दी थी.
डब्ल्यूटीए ने पियर को 44,250 अमरीकी डॉलर देने का भी फ़ैसला किया है.
कड़ा फ़ैसला
डब्ल्यूटीए के मुख्य कार्यकारी लैरी स्कॉट ने कहा, "पियर के साथ हुई नाइंसाफ़ी को देखते हुए ये क़दम उठाए गए हैं."
उन्होंने कहा, "हम किसी तरह का भेदभाव सहन नहीं करेंगे और ऐसी घटनाएँ यूएई या कहीं और नहीं होने दी जाएँगी."
हम किसी तरह का भेदभाव सहन नहीं करेंगे और ऐसी घटनाएँ यूएई या कहीं और नहीं होने देंगे लैरी स्कॉट
हम किसी तरह का भेदभाव सहन नहीं करेंगे और ऐसी घटनाएँ यूएई या कहीं और नहीं होने देंगे |
डब्ल्यूटीए की शुक्रवार को विशेष बैठक बुलाई गई थी, जिसमें यूएई पर डब्ल्यूटीए के क़ायदे-क़ानूनों का उल्लंघन करने के लिए जुर्माना लगाया गया.
आयोजकों पर लगे जुर्माने की रक़म शाहा पियर और डबल्स में उनकी जोड़ीदार अना-लेना ग्रोएनफेल्ड के साथ-साथ समाजसेवी संस्थाओं में बाँटी जाएगी.
दुबई ओपन के आयोजकों का कहना है कि ग़ज़ा विवाद के कारण उन्हें पियर की सुरक्षा की चिंता थी. इसी कारण पियर को टूर्नामेंट में खेलने की इजाज़त नहीं दी गई.
जनवरी में ऑकलैंड में पियर को ग़ज़ा में इसराइली सैन्य कार्रवाई के ख़िलाफ़ कुछ दर्शकों की नारेबाज़ी के बीच खेलना पड़ा था.
दुबई ओपन दुनिया के शीर्ष टेनिस टूर्नामेंटों में शुमार है और इस साल यहाँ चोटी की 10 महिला खिलाड़ी शिरकत कर रही हैं.
ड्रॉ के मुताबिक पियर को 20 लाख डॉलर इनामी राशि के दुबई टूर्नामेंट में पहले दौर में रूस के अन्ना चकवेत्ज़ा से भिड़ना था लेकिन पियर का वीज़ा आवेदन ठुकरा दिया गया.
पीयर ने इसे अपने साथ अन्याय बताया था. उनका कहना था, "पेशेवर टेनिस या किसी भी अन्य खेल में राजनीति या भेदभाव की जगह नहीं होनी चाहिए."