फ़ॉर्मूला वन के प्रमुख बर्नी एक्लस्टोन का कहना है कि 'फ़ॉर्मूला वन ग्रां प्री 2011' प्रतियोगिता को भारत में आयोजित करने के बारे में वे पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं.
बीबीसी से बातचीत में एक्लस्टोन ने ज़ोर दिया कि वो और एक भारतीय कंपनी जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड इस योजना के प्रति 'पूरी से प्रतिबद्ध' हैं. उनका कहना था, "निश्चित रुप से हम कामयाब होंगे...नहीं तो हम आपस में समझौता ही नहीं करते."
पिछले महीने भारत के जाने माने फ़ॉर्मूला वन रेसर नारायण कार्तिकेयन ने फ़ार्मूला वन के देश में आयोजन पर संदेह जताया था.
ग़ौरतलब है कि फ़ार्मूला वन के आयोजन के लिए दिल्ली में अक्तूबर 2008 में काम शुरु होना था लेकिन उसे स्थगित कर दिय गया है.
काम शुरू होगा
हालाँकि एक्लस्टोन का कहना है कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उन्हें विश्व में खेलों के आयोजन के कैलेंडर पर उन्हें कुछ आपत्तियाँ हैं और उन्हें कुछ अन्य जगह किए गए वादे पूरे करने हैं.
निश्चित रुप से हम कामयाब होंगे...नहीं तो हम आपस में समझौता ही नहीं करते फ़ॉर्मूला वन के प्रमुख बर्नी एक्लस्टोन
निश्चित रुप से हम कामयाब होंगे...नहीं तो हम आपस में समझौता ही नहीं करते |
विशेषज्ञों ने संभावना जताई है कि खेल के आयोजन के लिए ट्रैक बनाने का काम इस साल गर्मियों के महीने में शुरू हो जाएगा और वर्ष 2010 के आख़िर तक पूरा भी कर लिया जाएगा.
फ़ॉर्मूला वन रेसर नारायण कार्तिकेयन का कहना था," मैं नहीं समझता कि इस आर्थिक संकट के दौर में कोई कंपनी मोटर स्पोर्ट्स में पैसा लगाना चाहती है."
नारायण कार्तिकेयन भारत के पहले फ़ॉर्मूला-1 कार रेसर है. वो भारत में इस खेल की लोकप्रियता से वाक़िफ़ है.
बड़ी बात है
मैं नहीं समझता कि इस आर्थिक संकट के दौर में कोई कंपनी मोटर स्पोर्ट्स में पैसा लगाना चाहती है भारतीय रेसर नारायण कार्तिकेयन
मैं नहीं समझता कि इस आर्थिक संकट के दौर में कोई कंपनी मोटर स्पोर्ट्स में पैसा लगाना चाहती है |
फ़ॉर्मूला वन की भारत में लोकप्रियता की संभावना पर वे कहते हैं,"ग्रां प्री भारत में होना पूरे एशिया के लिए बड़ी बात होगी, क्योंकि इससे हर एक को फ़ायदा पहुँचेगा."
कार्तिकेयन के अनुसार एक्लस्टोन तात्कालिक आर्थिक संकट के बावजूद इसलिए भारत में फ़ॉर्मूला वन का आयोजन करना चाहते हैं, क्योंकि एक अरब से अधिक आबादी वाले इस देश में संभावनाएं बहुत हैं.
उनका कहना है, "आबादी के हिसाब से यह बड़ा देश है, जो कि प्रायोजकों, कार कंपनियों और जो भी इसका हिस्सा रहेंगे, उनके लिए फ़ायदेमंद रहेगा."
भारतीयों के क्रिकेट प्रेम पर एक्लस्टोन का कहना था, "मुझे संदेह है कि भारत में क्रिकेट के मुक़ाबले में कोई भी खेल खड़ा हो सकता है, फिर भी वक़्त का इंतेज़ार करें."