रद्द हो सकते हैं ट्रक ऑपरेटरों के परमिट
सर्विस टैक्स की समाप्ति, डीजल व टायरों की कीमतें घटनो व टॉल टैक्स कम करने समेत छह सूत्रीय मांगों को लेकर ट्रक ऑपरेटरों द्वारा की गई हड़ताल से सोमवार को करीब 30 लाख ट्रक सड़कों पर नहीं उतरे। इससे सीमेंट, उर्वरक, खाद्यान्न, स्टील, हाउसहोल्ड एफएमसीजी उत्पादों के अतिरिक्त फल-सब्जी जैसी खराब होने वाली वस्तुओं की करीब 75 फीसदी आपूर्ति ठप रही।
हड़ताल के पहले दिन देशभर में कारोबारियों को करीब 28,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। हालांकि देश भर की मंडियों में दूध, पानी और दवाओं जैसी जरूरत की सामग्री की आपूर्ति ज्यादा प्रभावित नहीं हुई।
केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय ने इस नुकसान और आम उपभोक्ताओं को होने वाली परेशानी को देखते हुए सभी राज्यों को हड़ताल से निबटने के लिए माकूल कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
विशेषज्ञों की मानें तो यदि यह हड़ताल तीन-चार दिनों और चली तो बाजार में आवश्यक वस्तुओं की कमी पैदा होने सकती है, जिससे फल, सब्जी समेत खराब होने वाली वस्तुओं के दाम बढ़ सकते हैं।
आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़ने का असर महंगाई की दर पर भी दिख सकता है। यही नहीं सभी बड़ी औद्योगिक इकाईयों में उत्पादन प्रभावित हो सकता है।