क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

एनसीपी के डीपी त्रिपाठी से एक बातचीत

By शेष नारायण सिंह
Google Oneindia News

DP Tripathi
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के महासचिव देवी प्रसाद त्रिपाठी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता हैं और पार्टी के शीर्ष नेताओं में उनका शुमार होता है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र और प्राध्यापक डीपी त्रिपाठी, जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली छात्र संघ के अध्यक्ष रह चुके हैं, इमरजेंसी के दौरान जेल में रहे, राजीव गांधी के राजनीतिक सलाहकार रहे और अब शरद पवार को प्रधानमंत्री बनाने की कोशिश करने वाली टीम के सदस्य हैं। ज्यादातर बड़ी पार्टियों के बड़े नेता इनके छात्र जीवन के साथी रहे हैं। प्रकाश करात और सीताराम येचुरी से इनके भाई जैसे संबंध हैं, बीजेपी के अरूण जेटली इनके इमरजेंसी के हमसफर हैं। इमरजेंसी में अरुण जेटली दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ के अध्यक्ष थे और जेल में डीपी त्रिपाठी के साथ थे। राजनीति की बारीकियों के उस्ताद त्रिपाठी ने खुलकर बात की और देश की राजनीति में चल रहे जोड़ घटाव से अवगत कराया। शेष नारायण सिंह के साथ हुई बातचीत के कुछ अंश:

आपका कांग्रेस से झगड़ा क्यों है?
कोई झगड़ा नहीं....

तो उड़ीसा में तीसरे मोर्चे वालों के साथ क्यों दोस्ती बढ़ रही है?
हम अकेली पार्टी हैं जिसने कहा था कि यूपीए की पार्टियों को राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन करके चुनाव लड़ना चाहिए। अगर ऐसा होता तो डॉ. मनमोहन सिंह आज यूपीए की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होते लेकिन कांग्रेस ने कहा कि राज्य स्तर पर चुनावी समझौता हो और सभी घटक दल समझौता करने के लिए स्वतंत्र हो गए। लक्ष्य सबका एक है बीजेपी और एनडीए को हराना है। जिन राज्यों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है, वहां हमारा उम्मीदवार नहीं है।

उड़ीसा में नवीन पटनायक की दोस्ती का क्या सबब है?
नवीन पटनायक को बीजेपी से अलग करने में शरद पवार और मैंने सबसे ज्यादा भूमिका निभाई एबी बर्धन ने भी योगदान किया। अब हम सब मिलकर बीजेपी के खिलाफ उड़ीसा में चुनाव लड़ रहे हैं।

और असम में आपके पी.ए. संगमा आडवाणी के साथ क्यों हैं?
बिलकुल नहीं। हमारा कोई भी सदस्य सांप्रदायिक पार्टियों के साथ नहीं है। चुनाव के बाद की क्या तसवीर उभरी रही है? यूपीए के दलों के आपस में ही भिड़ जाने से यूपीए का नुकसान हुआ है। हमारी कोशिश है कि यह नुकसान कम हो।

प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में आप मनमोहन सिंह को स्वीकार करते हैं कि नहीं?
मनमोहन सिंह कांग्रेस की तरफ से उम्मीदवार हैं। इस विषय पर अभी यूपीए की बैठक हुई नहीं, इसलिए हम अभी उन्हें उम्मीदवार नहीं बना सकते। एक बात और गठबंधन राजनीति दादागीरी से नहीं चलता, सब को साथ लेकर चलना पड़ता है।

शरद पवार के प्रधानमंत्री बनने की संभावना पर तो आपको शिवसेना का समर्थन भी मिलेगा?
हम शिव सेना के खिलाफ हैं। उनसे हमारा कोई लेना-देना नहीं है।

अल्पसंख्यकों के हित में क्या किया आपने?
सच्चर कमेटी की रिपोर्ट को लागू करवाया जा रहा है। हमारी कोशिश के बावजूद दंगा विरोधी एक्ट नहीं पास हुआ। शरद पवार पहले लीडर हैं जिन्होंने मांग की कि हिंदू आतंकवादियों पर आतंक के कानून के तहत मुकदमा चलाया जाय। हमारी कोशिश से ही गुजरात की मंत्री माया कोडनानी पर मुकदमा चल रहा है।

आगे की क्या योजना है?
हमारी कोशिश है कि सेकुलर पार्टियों के लोग बड़ी संख्या में आगे आएं और अगली केंद्र सरकार से बीजेपी जैसी सांप्रदायिक पार्टियों को दूर रखा जाय।

लेखक शेष नारायण सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं और दिल्ली में रहते हैं।

Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X