तो आप भी बोलिए, गुड मार्निंग, इंडिया...
'लगे
रहो
मुन्नाभाई'
में
विद्या
बालन
के
'गुड
मार्निंग
मुंबई...'
को
कौन
भूल
सकता
है.
इस
फिल्म
ने
विद्या
बालन
के
रोल
ने
आरजे
को
देश
भर
में
पॉपुलर
बना
दिया.
दरअसल
रेडियो
पर
सुनाई
देने
वाली
आवाज
से
हमारा
रिश्ता
क़रीब
एक
सदी
पुराना
है
लेकिन
देखते-देखते
हर
तरफ़
एफ़एम
चॅनल्स
छा
जाने
से
आरजे
या
रेडियो
जॉकी
फिर
सुर्ख़ियों
में
आ
गए
हैं.
आरजे
हुए
पॉपुलर
आरजे
इन
दिनों
इतने
पॉपुलर
इसलिए
भी
हो
गए
हैं
क्योंकि
वे
सिर्फ
हमसे
संवाद
ही
नहीं
करते
बल्कि
हमारे
आस-पास
की
होने
वाली
गतिविधियों
से
भी
लगातार
अवगत
कराते
हैं.
हर
सफल
आरजे
अपनी
खास
स्टाइल
के
कारण
ही
पहचाना
जाता
है.
एक
आरजे
का
मुख्य
संबंध
एफ़एम
से
होता
है.
यहां
ध्यान
रखने
वाली
बात
यह
है
कि
एफ़एम
के
प्रसारण
की
क्वालिटी
बहुत
बेहतर
होती
है
और
पिछले
कुछ
सालों
में
इसमें
तकनीकी
तौर
पर
लगातार
बदलाव
जारी
हैं.
कैसी
होती
है
एक
आरजे
की
लाइफ
एफ़एम
को
अपना
कॅरियर
बनाने
वालों
को
सबसे
पहले
यह
बात
गांठ
बांधनी
होगी
कि
उनकी
जॉब
नौ
से
पांच
की
नहीं
होगी,
उन्हें
कभी
भी
और
किसी
भी
वक़्त
बुलाया
जा
सकता
है.
इस
मामले
में
आरजे
को
खुले
विचारों
वाला
होना
चाहिए.
आप
अपनी
निजी
ज़िंदगी
मे
चाहे
किसी
भी
दौर
से
गुज़र
रहे
हों
लेकिन
एक
आरजे
के
रूप
मे
आपको
सदैव
ख़ुश
रहना
है.
आप
जिस
शहर
के
आरजे
हों
उस
शहर
के
बारे
मे
आपको
पूरी
जानकारी
होनी
चाहिए.
उस
शहर
की
संस्कृति,
समाज
और
उसमें
होने
वाले
आयोजनों
से
भली-भांति
परिचित
होने
चाहिए.
उस
राज्य
या
शहर
की
भाषा
का
के
बारे
में
जानकारी
होना
तो
जरूरी
है
ही,
ताकि
उसे
एक
पंच
के
रूप
मे
आप
प्रयोग
कर
सकें.
बिना
फिल्मी
गीतों
के
बात
नहीं
बनेगी...
बिना
फ़िल्मी
गीतों
के
एफएम
की
बात
करना
ही
बेकार
है,
लिहाजा
आपको
भी
लेटेस्ट
फ़िल्मों
के
बारे
मे
पूरी
जानकारी
होनी
चाहिए.
किस
मूवी
ने
कितना
बिज़नेस
किया,
उससे
जुड़ी
चर्चाओं
और
बॉक्स
ऑफिस
की
रिपोर्ट
के
बारे
में
पूरी
जानकारी
होनी
चाहिए.
ध्यान
रखें,
एक
आरजे
लाइव
शोज़
की
भी
एंकरिंग
करता
है,
अगर
बोलना
आपका
जुनून
है,
लोगों
से
बात
करने
की
आपमें
कला
है,
अगर
आपके
हर
शब्द
में
जान
है
और
ग़लती
हो
जाने
पर
आप
उस
गलती
को
चतुराई
से
छिपा
ले
जाते
हैं
तो
तय
मानिये
कि
आप
एक
सफल
आरजे
बन
सकते
हैं.
टेक्नोलॉजी
को
भी
समझें
इन
सूब
ख़ूबियों
के
अलावा
एक
आरजे
को
कंप्यूटर
पर
काम
करना
आना
चाहिए.
तरह-तरह
के
साउंड
मिक्सर्स,
फ़डर्स,
सीडी
प्लेयर,
कॉल
इक्विपमेंट,
माइक्रोफोन्स,
हेडफोन्स
आदि
की
भी
जानकारी
होनी
ज़रूरी
है.
आपके
मन
में
आखिरी
सवाल
यही
होगा
कि
क्या
आरजे
बनने
के
लिए
किसी
ट्रेनिंग
की
ज़रूरत
होती
है?
ऐसा
ज़रूरी
नही
है.
यह
निर्भर
करता
है
की
आपके
बात
करने
का
तरीक़ा
कैसा
है?
आपका
स्टाइल,
आपकी
पर्सनालिटी,
भाषा
और
सबसे
अहम्
बात
कि
आपमें
कितना
आत्मविश्वास
है?
एफएम
में
नाम
कमाने
वाले
बहुत
से
आरजे
कहीं
से
ट्रेनिंग
लेकर
नहीं
आए
और
आज
सफलता
की
चरम
सीमा
पर
हैं.
आत्मविश्वास
सबसे
जरूरी
आरजे
हंट
जगह-जगह
पर
होते
रहते
हैं,
अगर
आप
में
पहले
बताई
गई
ख़ूबियां
हैं
तो
आप
भी
अपनी
किस्मत
आज़मा
सकते
हैं.
एक
आरजे
का
भविष्य
बहुत
उज्जवल
होता
है.
केवल
प्रतिभा,
आत्मविश्वास
और
डटे
रहने
की
ज़रूरत
है.
एक
आरजे
के
तौर
पर
आप
ना
केवल
अच्छा
पैसा
कमा
सकते
हैं
बल्कि
एड्वर्टाइज़्मेंट्स
से
भी
अपनी
आमदनी
कर
सकते
हैं.
यदि
आप
मशहूर
हो
जाते
हैं
तो
दूसरे
एफ़एम
चैनल्स
में
आपको
बेहतर
पैकेज
भी
मिल
सकता
है.
हमें
उम्मीद
है
की
आपको
ये
लेख
पसंद
आया
होगा
और
बतौर
रेडियो
जॉकी
अपना
कॅरियर
बनाने
के
बारे
में
आप
ज्यादा
स्पष्ट
फैसला
ले
सकेंगे.
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लेख
के
बारे
में
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