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जानिए क्यों होता है ब्रह्म मुहूर्त महत्वपूर्ण?

By पं. गजेंद्र शर्मा
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नई दिल्ली। भारतीय ज्योतिष शास्त्र और हिंदू धर्म ग्रंथों में मुहूर्त का विशेष महत्व है। हममें से अधिकांश लोग कोई भी शुभ काम करने से पहले मुहूर्त अवश्य निकलवाते हैं। आखिर ये मूहूर्त है क्या? चलिए पहले यही जानते हैं।

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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मुहूर्त एक ऐसी तालिका है जो खगोलीय स्थिति के आधार पर दिन के 24 घंटों की दशा बताती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार दिन के 24 घंटों में 30 मुहूर्त होते हैं। दिन-रात का 30वां भाग मुहूर्त कहलाता है यानी 2 घटी या 48 मिनट का कालखंड एक मूहूर्त कहलाता है।

सूर्योदय के पूर्व के प्रहर में दो मुहूर्त होते हैं

सूर्योदय के पूर्व के प्रहर में दो मुहूर्त होते हैं

अब ब्रह्म मुहूर्त की बात करते हैं। ब्रह्म मुहूर्त रात का चौथा प्र्रहर होता है। सूर्योदय के पूर्व के प्रहर में दो मुहूर्त होते हैं। इसमें से पहले मुहूर्त को ब्रह्म मुहूर्त और बाद वाले को विष्णु मुहूर्त कहते हैं। अगर घड़ी के अनुसार देखना हो तो सुबह के 4.24 बजे से 5.12 के मध्य का समय ब्रह्म मुहूर्त कहलाता है। इस समय सुबह हो तो जाती है, पर आकाश में सूर्य दिखाई नहीं देता। ब्रह्म मुहूर्त कई दृष्टिकोणों से बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।

 ग्रंथ रचना के लिए भी अति उत्तम

ग्रंथ रचना के लिए भी अति उत्तम

  • ब्रह्म मूहूर्त के समय संपूर्ण वातावरण में शांति और पवित्रता व्याप्त होती है। माना जाता है कि इस समय आकाश में देवी-देवता भ्रमण करते हैं। इस समय सत्व गुण की प्रधानता रहती है और देवताओं के आवाहन और पूजन से विशेष लाभ की प्राप्ति होती है। इस समय सभी मंदिरों के दरवाजे खोल दिए जाते हैं ताकि देव अपना स्थान ग्रहण करें। इसी समय उनके श्रृंगार और पूजन का प्रावधान किया जाता है।
  • ब्रह्म मुहूर्त में उठने से जातक को बल, बुद्धि, विद्या, सौंदर्य और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
  • आयुर्वेद के अनुसार यदि हम ब्रह्म मुहूर्त में उठकर टहलने जाते हैं तो हमारे शरीर में संजीवनी शक्ति का संचार होता है। इसका कारण यह है कि इस समय चलने वाली वायु पूरी तरह निर्मल और प्रदूषण रहित होती है। यह शुद्ध वायु हमारे शरीर के कण-कण को जीवंत करती है।
  • ब्रह्म मुहूर्त का समय ग्रंथ रचना के लिए भी अति उत्तम माना जाता है। विद्यार्थियों के पढ़ने के लिए भी यह समय अनुकूल माना जाता है। कारण यह है कि रातभर नींद और विश्राम से तरोताजा हुआ मन मस्तिष्क सुबह पूरी ऊर्जा के साथ पढ़ाई में लगता है। इसी के साथ हर तरफ फैली हुई शांति मन को भटकने भी नहीं देती और एकाग्रता से पढ़ाई करना संभव हो पाता है।
  • वैज्ञानिक शोधों से भी यह साबित हो चुका है कि ब्रह्म मुहूर्त में वातावरण में ऑक्सीजन का स्तर अधिकतम रहता है। इस समय वायु प्रदूषण रहित होती है। इस समय किया गया व्यायाम शरीर को अधिकतम शुद्ध ऑक्सीजन पहुंचाता है और हमारे फेफड़ों की शक्ति बढ़ाकर रक्त को शुद्ध करता है। इसका असर हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य पर दिखाई देता है।
  • ब्रह्म मुहूर्त में ये करें

    ब्रह्म मुहूर्त में ये करें

    • ब्रह्म मुहूर्त जीवन के हर पहलू पर अपना सकारात्मक प्रभाव डालता है। इस समय किया गया हर सही कार्य कई गुना फल देता है। वैसे तो जीवन में कर्म के प्रकारों का कोई अंत नहीं है, पर कुछ काम ऐसे हैं, जो ब्रह्म मुहूर्त में किए जाएं, तो दिन के किसी भी समय की अपेक्षा अधिकतम फल देते हैं।
    • ध्यान यानी मेडिटेशन के लिए सबसे सटीक समय ब्रह्म मुहूर्त का होता है। इस समय वातावरण शांत होता है, वायु निर्मल और शुद्ध होती है। मन को भटकाने के बहाने आस-पास ना के बराबर होते हैं। इस समय पूर्ण एकाग्रता से किया गया ध्यान आत्मिक शुद्धि में सहायक होता है, जिसका सीधा प्रभाव साधक के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर तुरंत ही दिखाई देता है।
    • यदि आप धार्मिक व्यक्ति हैं, तो ब्रह्म मुहूर्त का समय पूजा-पाठ, प्रार्थना के लिए सर्वाधिक अनुकूल माना जाता है। इस समय देवी-देवता स्वयं भ्रमण करते हैं, तो वे आपके द्वारा किया गया आवाहन स्वयं ग्रहण कर सहस्र गुना फल देते हैं।
    • सकारात्मक प्रभाव

      सकारात्मक प्रभाव

      • यदि आप विद्यार्थी हैं, तो पढ़ाई के लिए ब्रह्म मुहूर्त से बेहतर समय कोई दूसरा हो ही नहीं सकता। इस समय वातावरण की शांति, तन-मन की ताजगी, शांत मस्तिष्क और ताजी हवा सब मिलकर विद्यार्थी का एकाग्रता से पढ़ाई करना संभव बनाते हैं। इस समय याद किया गया पाठ मस्तिष्क में अंकित हो जाता है और लंबे समय तक याद रहता है।
      • ब्रह्म मुहूर्त में आप वैदिक रीति से संध्या वंदन भी कर सकते हैं। इस समय विधि- विधान से किया गया संध्या वंदन सहस्र फलदायी होता है।
      • यदि आपकी धर्म में रूचि ना भी हो, तो भी अपने बेहतर स्वास्थ्य के लिए ब्रह्म मुहूर्त में टहलने निकलिए। किसी भी दवा के मुकाबले ये भ्रम आपके जीवन में आई हर स्वास्थ्य समस्या का अंत सकारात्मक प्रभाव से करेगा।
      • ब्रह्म मुहूर्त में ये ना करें

        ब्रह्म मुहूर्त में ये ना करें

        • ब्रह्म मुहूर्त में किसी भी तरह की नकारात्मकता को जीवन में प्रवेश ना करने दें। इस समय किसी भी प्रकार के वार्तालाप, बहस, तनाव, झगड़े से बचें।
        • इस समय भोजन, यात्रा, सेक्स, मादक द्रव्यों के सेवन आदि को भी निषिद्ध माना गया है।
        • ब्रह्म मुहूर्त में शांति का साम्राज्य रहता है, तो किसी भी हालत में उसे खंडित ना करें। कुछ लोग तेज आवाज में पूजा-पाठ करने के आदि होते हैं। पूजा का यह तरीका बाद के दिन में अपनाएं। ब्रह्म मुहूर्त में ऐसा कोई काम ना करें, जिससे शोर-शराबा हो क्योंकि वातावरण की शांति ही इस समय की विशेषता है और विशेष फलदायी भी है।

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English summary
Brahma muhurta is a period one and a half hours before sunrise or more precisely 1Hr 36 Mins before sunrise.
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