रोगों को दूर करता है सम्मोहन यानी हिप्नोटिज्म!
ऐसा माना जाता था कि लोगों को सम्मोहित करने वाले उन्हें वश में कर उनसे अपने फायदे के लिए गलत काम करवाते हैं।
नई दिल्ली। सम्मोहन यानी हिप्नोटिज्म एक ऐसी विधा है, जो रहस्यमयी लगती है। सतही तौर पर यह वशीकरण की एक प्रक्रिया मात्र लगती है, जिसमें इस विधा का विशेषज्ञ अपने सामने बैठे व्यक्ति को कुछ मंत्रों के द्वारा वशीभूत कर उसके जीवन की सभी बातें जान लेता है। सम्मोहित हुआ व्यक्ति पूरी तरह सम्मोहन करने वाले के वश में होता है और हर कार्य उसके निर्देश के अनुसार ही करता है।
डर भगाना है तो जरूर कीजिए ये उपाय-क्योंकि डरना मना है...
अगर आप भी सम्मोहन के बारे में ऐसी ही राय रखते हैं, तो यह पूरी तरह सही नहीं है। यह सब कार्य और प्रभाव सम्मोहन का हिस्सा हैं, लेकिन सम्मोहन जैसी विलक्षण तकनीक को यहीं तक सीमित मान लेना उसकी विशिष्टता को कम करके आंकना होगा। कारण यह है कि सम्मोहन केवल यहीं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह विधा अपने आप में पूरा एक विज्ञान है। विज्ञान अर्थात् विशिष्ट ज्ञान से समृद्ध यह विधा ना सिर्फ हमारे जीवन की परेशानियों और कठिनाइयों को दूर करने की राह बताती है, बल्कि यह हमारे जीवन की कई शारीरिक और मानसिक बीमारियों के इलाज में भी सहायक है।
जानिए राहु और केतु के बारे में कुछ रोचक बातें..
एक जमाने में सम्मोहन को जादू-टोने की तरह संदेहास्पद नजरों से देखा था। ऐसा माना जाता था कि लोगों को सम्मोहित करने वाले उन्हें वश में कर उनसे अपने फायदे के लिए गलत काम करवाते हैं। इस बात को पूरी तरह खारिज नहीं किया जा सकता क्योंकि सम्मोहन भी एक प्रकार की शक्ति है और शक्ति का दुरूपयोग हर देश, काल में गलत लोगों द्वारा किया जाता रहा है।
सकारात्मक शक्तियां दुनिया के सामने आ रही हैं
बहरहाल, अब सम्मोहन की सकारात्मक शक्तियां दुनिया के सामने आ रही हैं और विदेशों में भी इस विधा को बड़े पैमाने पर अपनाया जा रहा है। विशेष रूप से विभिन्न असाध्य रोगों के शत प्रतिशत इलाज में सम्मोहन विद्या का उपयोग किया जा रहा है। अब कुछ ऐसे रोगों के बारे में जानते हैं जिनके उपचार में सम्मोहन से चमत्कारिक लाभ हुए हैं।
डिप्रेशन या हायपरटेंशन
आधुनिक जीवनशैली का सबसे बड़ा दुष्प्रभाव अवसाद या डिप्रेशन है। आगे बढ़ने की चाह में मनुष्य अंधाधुंध भाग रहा है। इससे वह दिन पर दिन उन्नति तो पा रहा है, पर साइड इफेक्ट्स के रूप में उसे चिंता, तनाव, अनिद्रा, अज्ञात भय जैसी बीमारियां भी मिल रही हैं। ऐसे में सम्मोहन एक वरदान की तरह सामने आया है। जीवन में डिप्रेशन अथवा हायपरटेंशन जैसी दिक्कतों का सामना कर रहे लोगों को विशेषज्ञों द्वारा सम्मोहित कर उन्हें यह भावना दी जाती है कि जो हो रहा है, उसके बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। सम्मोहन के द्वारा चिंता में डूबे व्यक्ति के मस्तिष्क को विचार शून्य किया जाता है। इस तरह मन से भार उतरने के बाद उसे सम्मोहित अवस्था में ही कहा जाता है कि वह अब आगे के जीवन में यह भार लेकर नहीं जाएगा, सब यहीं भूल जाएगा, जागने पर इसे वापस याद नहीं करेगा। इसके बाद व्यक्ति को सम्मोहन की स्थिति से धीरे से जगाया जाता है और सामान्य स्थिति में आकर वह वाकई में सब भूल जाता है। इस प्रक्रिया के द्वारा अपने प्रिय की मृत्यु, किसी एक्सीडेंट, कोई सदमा पाकर सामान्य जीवन से दूर जाकर पागलों जैसा जीवन व्यतीत कर रहे व्यक्तियों का शत प्रतिशत इलाज करना संभव हो गया है।
सामान्य एवं दर्दरहित प्रसव
बच्चे को जन्म देना दुनिया की सबसे दर्दभरी प्रक्रिया मानी जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सम्मोहन के द्वारा ना सिर्फ डिलीवरी के समय होने वाले दर्द को दूर किया जा सकता है, बल्कि ऑपरेशन को भी टाला जा सकता है। विदेशों में प्रसव के दौरान सम्मोहन का प्रयोग तेजी से बढ़ गया है। इस प्रक्रिया में प्रसव पीड़ा शुरू होते ही मां को हिप्नोटाइज किया जाता है और उसे महसूस कराया जाता है कि दर्द का नामोनिशान नहीं है। सम्मोहित अवस्था में वाकई महिला को दर्द की अनुभूति नहीं होती और इतनी कष्टदायक प्रक्रिया आसानी से पूरी हो जाती है। अगर किसी कारणवश ऑपरेशन करना जरूरी ही हो, तो भी सम्मोहन की स्थिति में बेहोशी की दवा देने की जरूरत नहीं रहती। मरीज बिना किसी तकलीफ के ऑपरेशन करवा लेता है और बेहोशी की दवा के गंभीर साइड इफेक्ट्स से बच जाता है, जो दिल को कमजोर बनाते हैं।
दर्द का निवारण
सम्मोहन के द्वारा शरीर के किसी भी हिस्से में हो रहे दर्द का समूल निवारण भी किया जा रहा है। विशेष रूप से सिर दर्द, पेट दर्द और दांतों के दर्द में अब सम्मोहन का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। कई स्थानों पर दांत निकलवाते समय भी उस स्थान को सुन्न करने के लिए दवा की जगह सम्मोहन विधा का ही उपयोग किया जा रहा है।
मानसिक रोग
मन का रोग जिसे लग गया, वह जीवन के सभी सुखों से वंचित हो जाता है। आधुनिक जीवन शैली का यह बड़ा ही दुष्प्रभाव है कि इसने मन को ही अपना निशाना बनाया है। आज तमाम सुख सुविधाएं होते हुए भी मन शांत नहीं है या कोई ना कोई मानसिक रोग मनुष्य को खाए जा रहा है। इस परेशानी का पूरा इलाज सम्मोहन में है। सम्मोहन का सीधा संबंध मन और मस्तिष्क से होता है। यही वजह है कि सम्मोहन का सबसे ज्यादा प्रभाव भी इन पर ही पड़ता है। ऐसी किसी भी परेशानी से घिरे व्यक्ति को सम्मोहित कर उसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है। चिकित्सकों का मानना है कि किसी भी तरह की मानसिक परेशानी झेल रहे 90 प्रतिशत रोगियों को सम्मोहन के द्वारा पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। माइग्रेन, मिर्गी आदि गंभीर और असाध्य रोग से पीडि़त लोगों को भी सम्मोहन से ठीक होता देखा गया है।
याददाश्त खो जाना
कई बार किसी दुर्घटना या सदमे की वजह से व्यक्ति की याददाश्त खो जाती है। ऐसा व्यक्ति अपने आप को ही भूल जाता है तो संसार के बारे में तो उसे कोई भान रहता ही नहीं है। सब सम्मोहन के द्वारा ऐसे व्यक्ति का इलाज भी संभव है। सम्मोहन के द्वारा व्यक्ति के दिमाग को वश में कर उसे उसके अतीत की बातें याद दिलाई जाती हैं। इन बातों को जानकर, उसके सामने दोहराकर उसे कहा जाता है कि जागने के बाद उसे यह सब भूलना नहीं है। इलाज के बाद ऐसे व्यक्तियों की याददाश्त वापस आ जाती है।
शिक्षा में सम्मोहन
कई बार विद्यार्थी अपने जीवन में इस वजह से तनाव ले लेते हैं कि वे किसी विषय को पढ़ने-समझने में अक्षम हैं। सम्मोहन द्वारा इसका भी इलाज संभव है। इस प्रक्रिया में किसी भी विद्यार्थी को कठिन लगने वाला विषय लिया जाता है और उसे सम्मोहित करने के बाद उस विषय के मुख्य बिंदुओं, आधारों को उसके सामने दोहराया जाता है। जागने से पहले उसे बताया जाता है कि अब यह विषय तुम्हारे लिए एकदम आसान बन चुका है और तुम इसे कभी नहीं भूलोगे। इस तरह वही कठिन विषय विद्यार्थी के बाएं हाथ का खेल बन जाता है।
सकारात्मक उपयोग
सम्मोहन भी जीवन की तमाम विशिष्ट विधाओं की तरह ज्ञान का असीमित भंडार है। इसका जितना सकारात्मक उपयोग होगा, वह मानव जाति के लिए उतना ही कल्याणकारी साबित होगा। इससे डरने या सशंकित होने की जरूरत नहीं है। अपनी परेशानियों के अनुरूप इसे अपनाएं और जीवन को सरल बनाएं।