जानिए किसके लिए अबकी बरस का सावन रहेगा कुछ खास?
लखनऊ। शिव का प्रिय महीना सावन 10 जुलाई से प्रारम्भ होने जा रहा है। इस बार काफी वर्षो बाद सावन की शुरूआत सोमवार दिन से होगी। सोमवार का दिन वैसे भी भगवान शंकर को अतिप्रिय है और जब इस दिन से सावन की शुरूआत हो तो इसका महात्म्य और कई गुना बढ़ जाता है।
उपहार में इन वस्तुओं को कदापि न दें वरना किस्मत जाएगी रूठ...
आईये जानते है कि अबकी बार सावन में क्या विशेष योग बन रहें है...
विशेष संयोग
सावन का पूरा महीना पवित्र होता है, इस पूरे महीने में भगवान शंकर की विशेष आराधना का विधान है। वैसे तो हर बार 4 सोमवार पड़ते है किन्तु इस बार सावन में 5 सोमवार पड़ने से इसका महत्व कई गुना बढ़ जाता है। प्रथम सोमवार 10 जुलाई को, दूसरा सोमवार 17 जुलाई को, तीसरा सोमवार 24 जुलाई को, चौथे सोमवार 31 जुलाई को और पॉचवां सोमवार 7 अगस्त को पड़ रहा है।
सर्वार्थ सिद्ध योग
यह योग अत्यन्त शुभ सूचक है, इस योग में किया गया हर कार्य सिद्ध होता है। इस योग में कोई नवीन कार्य करने से सफलता अवश्य मिलती है। यज्ञ, हवन, पूजा, पाठ, जप इत्यादि करने पर हजार गुना अधिक फल मिलता है।
सोमवार
- प्रथम सोमवार को 10 जुलाई को प्रातः 5:35 मिनट से रात्रि 7:10 मिनट तक रहेगा।
- तीसरे सोमवार 24 जुलाई को सुबह 7:45 मिनट तक रहेगा।
- पॉचवें सोमवार 07 अगस्त को रात्रि 1:46 मिनट से सुबह 5:55 मिनट तक सर्वार्थ सिद्ध योग रहेगा।
- रविवार के दिन ये नक्षत्र हो-पुष्य, तीनों उत्तरा, हस्त, मूल,
- सोमवार के दिन ये नक्षत्र हो-रोहिणी, मृगशिरा, पुष्य, अनुराधा, श्रवण नक्षत्र।
- मंगलवार के दिन ये नक्षत्र हो-अश्विनी, कृतिका, अश्लेषा, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र।
- बुधवार के दिन जब ये नक्षत्र पड़े-कृतिका, रोहिणी, मृगशिरा, हस्त और अनुराधा नक्षत्र हो जब सर्वार्थ सिद्ध योग बनता है।
- बृहस्पतिवार के दिन ये नक्षत्र हो-अश्विनी, पुनर्वसु, पुष्य, अनुराधा और रेवती नक्षत्र।
- शुक्रवार के दिन जब ये नक्षत्र-अश्विनी, पुनर्वसु, अनुराधा, श्रवण और रेवती पड़े जब यह योग बनता है।
- शनिवार के दिन जब रोहिणी, स्वाती और श्रवण नक्षत्र पड़े तब सर्वार्थ सिद्ध योग बनता है।
- दूध से शिव जी का अभिषेक करने पर मानसिक व शारीरिक शान्ति मिलती है एंव परिवार में कलह दूर होकर आपसी प्रेम बढ़ेगा।
- शिव जी का घी से अभिषेक करने पर वंशवृद्धि होती है, जिन लोगों को सन्तान नहीं होती है, उन्हें घी से अभिषेक करने से लाभ मिलता है।
- जल से शिव जी का अभिषेक करने पर परिवार व स्वंय को मानसिक शान्ति मिलती है।
- इत्र से शिव जी का अभिषेक करने पर मनोकामनाओं की पूर्ति होती है एवं भौतिक वस्तुओं की भी पूर्ति होती है।
- यदि किसी के परिवार में रोगों का अधिक प्रभाव रहता है तो उन लोगों को शिव जी का शहद से अभिषेक करने पर लाभ मिलता है।
- शिव जी का गन्ने के रस से अभिषेक करने पर आर्थिक समृद्धि व परिवार के सदस्यों की प्रगति होती है।
- गंगा जल से शिव जी का अभिषेक करने पर हर तरह के सुख की प्राप्ति होती है और शिव जी की आपके परिवार पर विशेष अनुकम्पा बनी रहती है।
- सरसों के तेल से शिव जी का अभिषेक करने पर शत्रुओं का नाश होता है। आपके विरोधी चाहकर भी आपका कुछ बिगाड़ नहीं पायेंगे।
सर्वार्थ सिद्ध योग कैसे बनता है?
निश्चित वार और नक्षत्र के संयोग से सर्वार्थ सिद्ध योग बनता है
विभिन्न वस्तुओं से अभिषेक का फल?