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जानिए सावन में कैसे करें ग्रह शांति की पूजा?

By पं. अनुज के शुक्ल
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लखनऊ। सावन सुख-समृद्धि का महीना है, प्रेम का महीना है, प्रकृति के अमृत पान का महीना है, सावन शिव को प्रसन्न करने का मास है। वर्षा ऋतु में चार मास होते है, उसमें सबसे खास महीना सावन ही होता है, इसलिए गीतकार ने लिखा है आया सावन झूम के।

शिव के 10 कल्याणकारी अवतार करेंगे आपका बेड़ा-पारशिव के 10 कल्याणकारी अवतार करेंगे आपका बेड़ा-पार

सावन झूमकर ही आता है और सबको झूमा देता है। शिव कल्याणकरी है, इसलिए सावन का महिना भी सुख-समृद्धिदायक होता है। अगर आपकी कुण्डली में पापी ग्रह आपको परेशान कर रहें, जिस वजह से आपके बनते काम बिगड़ जाते है तो आईये हम आपको बताते है कि सावन के मास में ग्रहों की शन्ति के लिए शिव अभिषेक किनु वस्तुओं से करें...

इनसे करें पूजा

इनसे करें पूजा

  • सूर्य- आक पुष्प एंव बिल्व पत्र से शिवलिंग की पूजा करें।
  • चन्द्र- दूध में काले तिल मिलाकर अभिषेक करें।
  • मंगल- गिलोय बूटी के रस से अभिषेक करें।
  • बुध- बिधारा की जड़ के रस से शिव जी का अभिषेक करें।
  • गुरू- दूध में हल्दी मिलाकर अभिषेक करें।
  • शुक्र- पंचामृत एंव शहद व घी से अभिषेक करें।
  • शनि- गन्ने का रस व छाछ से शिव जी का अभिषेक करें।
  • उपरोक्त प्रकार से शिव जी का अभिषेक एंव पूजन करने पर ग्रहो का अनुकूल फल मिलने लगता है।
श्रावण के सोमवार की पूजन विधि

श्रावण के सोमवार की पूजन विधि

सोमवार के दिन प्रातःकाल स्नान, ध्यान करके पूजन स्थान पर पूरे शिव परिवार को आसन पर सफेद कपड़ा बिछाकर बैठाये। उसके बाद पंचामृत से शिव परिवार को स्नान करायें, फिर चन्द्रन, रोली, फल-फूल, इत्र,गंध व सफेद वस्त्र अर्पित करें। यदि आप मन्दिर जाये ंतो शिवलिंग पर सफेद पुष्प, बेलपत्र, भांग, धतूरा, सफेद वस्त्र, मिष्ठान आदि चढ़ायें।

दूर्वा, मोदक व पीले वस्त्र अर्पित करें

दूर्वा, मोदक व पीले वस्त्र अर्पित करें

घर में बिराजमान गणेश जी को दूर्वा, मोदक व पीले वस्त्र अर्पित करें। पूरे शिव परिवार का विधिवत पूजन करके क्रम से शिव, पार्वती, गणेश व कार्तिकेय जी की आरती करके पूजन में भूलचूक की क्षमा याचना करें उसके बाद अपने परिवार की सुख-समृद्धि व शान्ति की कामना करके सोमवार व्रत प्रारम्भ करें। बाबा भोले का पूजन दिन में दो बार किया जाता है। सूर्योदय के समय और फिर सूर्यास्त के बाद पूजन करने का विधान है।

शिव ध्यान मन्त्र-

शिव ध्यान मन्त्र-


‘‘ध्यायेन्नित्यंमहेशं रजगिरिनिभं चारूचंद्रावतंसं।
रत्नाकल्पोज्जवलांग परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम''।।

महात्म्य

महात्म्य

शास्त्रों के अनुसार मां पार्वती ने शिव को पाने के लिए सावन के 16 सोमवार निर्जला व्रत रखकर कठोर तप किया था। इस कठोर तप के कारण मॉ पार्वती ने शिव को पति रूप में पा लिया था। इसलिए सावन के सोमवार का विशेष महात्म्य है। कोई भी अविवाहित कन्या अगर सावन के 16 सोमवारों को निर्जला व्रत रखकर विधिवत पूजन करती है तो निश्चित रूप से उसे मनचाहा वर प्राप्त होता है।

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English summary
Worship Of Lord Shiva In Shravan Month. Lord Shiva is an abstract or aniconic representation of the Hindu deity, Shiva, used for worship in temples, smaller shrines, or as self-manifested natural objects.
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