रक्षा बंधन 2017: जानिए कब बांधे कलाई पर प्यार जिससे जीवन भर रहे भाई का साथ
लखनऊ। रक्षा बंधन हिन्दू पंचाग के अनुसार हर वर्ष श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाना वाला यह त्यौहार भाई-बहन के प्यार को जताने का प्रतीक है। इस दिन बहन अपने भाईयों की कलाई में राखी बॉधती है और उनकी दीर्घायु व प्रसन्नता के लिये प्रार्थना करती है और भाई अपनी बहन की हर विपत्ति पर रक्षा करने का वचन देते है। इन राखियों के मध्य भावनात्मक प्रेम भी छिपा होता है। इस बार रक्षा बन्धन का त्यौहार 07 अगस्त दिन रविवार श्रवण नक्षत्र एंव मकर राशिस्थ चन्द्रमा में पड़ रहा है।
रक्षाबंधन 2017: राखी बांधने का सही मुहूर्त एवं समय
पौराणिक कथा
पुराणों मे वर्णन है कि एक बार देव व दानवों में जब युद्ध शुरू हुआ तब दानव हावी होते नजर आने लगे। भगवान इन्द्र घबराकर गुरू बृहस्पति के पास गये और अपनी व्यथा सुनाने लगे । वहॉ पैर बैठी इन्द्र की पत्नी इन्द्राणी यह सब सुन रही थी। उन्होने एक रेशम का धागा मन्त्रों की शक्ति से पवित्र कर अपने पति की कलाई पर बॉध दिया। वह श्रावण पूर्णिमा का दिन था।
प्रसन्नता और विजय
इन्द्र को इस युद्ध में विजयी प्राप्ति हुयी। तभी से लोगो का विश्वास है कि इन्द्र को विजय इस रेशमी धागा पहनने से मिली थी। उसी दिन से श्रावण पूर्णिमा के दिन यह धागा बॉधने की प्रथा चली आ रही है। यह धागा ऐश्वर्य, धन, शक्ति, प्रसन्नता और विजय देने में पूरी तरह सक्षम माना जाता है।
विधि-विधान
पूर्णिमा के दिन प्रातः काल हनुमान जी व पित्तरों को धोक देकर जल, रोली, मोली, धूप, फूल, चावल, प्रसाद, नारियल, राखी, दक्षिणा आदि चढ़ाकर दीपक जलाना चाहिए। भोजन के पहले घर के सब पुरूष व स्त्रियॉ राखी बॉधे। बहने अपने भाईयों को राखी बॉधकर तिलक करें व गोला नारियल दें। भाईयों को चाहिए कि वे बहन को प्रसन्न करने के लिये रूपया अथवा यथाशक्ति उपहार दें। राखी में रक्षा सूत्र अवश्य बॉधें।
राक्षा सूत्र बांधते समय क्या करें
- रक्षाबन्धन के दिन सर्वप्रथम गणेश जी को राखी बांधे तत्पश्चात अन्य लोगों को बॉधें।
- राखी बॅधवाने वाले व्यक्ति का मुॅख पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए।
- रक्षा सूत्र बॅधवाते वक्त सिर पर रूमाल या कोई कपड़ा अवश्य रखें।
- महिलावर्ग रखी बॉधते समय लाल, गुलाबी, पीले या केसरिया रंग कपड़े पहने तो विशेष लाभ होगा।
- सर्वप्रथम कलाई में कलावा बॉधे उसके बाद अन्य कोई फैशनेबल राखी बॉधे।
- राखी बंधवाते समय दाहिने हाथ की मुठ्ठी में फूल अवश्य रखें।
- रक्षा सूत्र शत-प्रतिशत सूती धागे का ही होना चाहिए।
- राखी को 7 या 5 बार घुमाकर ही हाथ में बांधना चाहिए।
रक्षा सूत्र बांधें
बहने जो रक्षा सूत्र बांधें उसे एक वर्ष तक कलाई में बांधे रखे और दूसरे वर्ष पुराना वाला रक्षा सूत्र उतार कर किसी नदीं में प्रवाहित करके पुनः नया रक्षा सूत्र बहनों से बंधवायें। ऐसा करने पर आपकी सुख, समृद्धि व स्वास्थ्य की रक्षा पूरे वर्ष होती रहेगी।
येन
बद्धो
बली
राजा
दानवेन्द्रो
महाबलः।
तेन
त्वामानुवध्नामि
रक्षे
मा
चल
मा
चल।।
बहने राखी बांधते समय उपरोक्त मन्त्र का उच्चारण करें।
रक्षा सूत्र शत-प्रतिशत सूती धागे का