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बच्चा बोल नहीं पाता, विशुद्ध चक्र को करें जाग्रत

व्यक्ति की आवाज उसके गले से संबंधित होती है और गले में हमारी कुंडलिनी के सात चक्रों में से पांचवा चक्र विशुद्ध चक्र होता है।

By पं. गजेंद्र शर्मा
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नई दिल्ली। स्वस्थ संतान ईश्वर की सबसे बड़ी सौगात होती है, लेकिन कई मामलों में बच्चे जन्म से ही किसी न किसी विकार के साथ पैदा होते हैं। देखना, बोलना, चलना जैसी बहुत सी बातें हैं जो ठीक प्रकार से होना चाहिए, वरना बच्चे का पूरा जीवन बिगड़ जाता है। इन्हीं में से एक है बोलना। कहा जाता है वन टू वॉक, टू टू टॉक।

स्पीच थैरेपी भी करवाते हैं

स्पीच थैरेपी भी करवाते हैं

यानी बच्चा एक साल की उम्र में चलना सीखता है और दो साल की उम्र में बोलना, लेकिन कई बच्चे दो साल की उम्र के बाद भी बोलना नहीं सीख पाते या तुतलाकर बोलते हैं या बोलने में हकलाते हैं। कई बच्चे तो चार-पांच साल तक की उम्र तक ठीक से नहीं बोल पाते। माता-पिता उनकी स्पीच थैरेपी भी करवाते हैं, तमाम इलाज भी करवाते हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं होता।

सात चक्रों में से पांचवा चक्र विशुद्ध चक्र

सात चक्रों में से पांचवा चक्र विशुद्ध चक्र

दरअसल, व्यक्ति की आवाज उसके गले से संबंधित होती है और गले में हमारी कुंडलिनी के सात चक्रों में से पांचवा चक्र विशुद्ध चक्र होता है। इसे थ्रोट चक्र भी कहते हैं। यह चक्र कॉलरबोन के उपर गले के मध्य में स्थित होता है। यह चक्र थाइराइड ग्रंथि से संबद्ध होता है। सुनने, बोलने अपनी बात को ठीक प्रकार से अभिव्यक्त करने के लिए इस चक्र का ठीक होना जरूरी है। इस चक्र की उर्जा दूषित होने के कारण बच्चे के बोलने में देरी होती है या वह अटक-अटककर, हकलाकर बोलता है। यदि चक्र पूरी तरह खराब अवस्था में हो तो बच्चे में बोलने की शक्ति नहीं रहती।

थ्रोट चक्र का रंग हल्का नीला या नीला होता है

थ्रोट चक्र का रंग हल्का नीला या नीला होता है

रत्न चिकित्सा विज्ञान में थ्रोट चक्र को जाग्रत करने के लिए कुछ प्रभावी रत्न बताए गए हैं, जिनका उपयोग करके विशुद्ध चक्र को जाग्रत करके उर्जावान बनाया जा सकता है। विशुद्ध या थ्रोट चक्र का रंग हल्का नीला या नीला होता है। इसलिए उसके लिए नीले रंग का स्टोन पहना जाता है। ब्लू कायनाइट, ब्लू लेपिज लाजूली, एक्वामरीन या ब्लू सोडालाइट पहना जाता है।

पावरफुल ब्यू कायनाइट और ब्लू लेपिज लाजूली

पावरफुल ब्यू कायनाइट और ब्लू लेपिज लाजूली

इनमें सबसे अधिक पावरफुल ब्यू कायनाइट और ब्लू लेपिज लाजूली होता है। चांदी की चेन में इसका पेंडेंट गले में पहनने से विशुद्ध चक्र से संबंधित परेशानियां धीरे-धीरे समाप्त होने लगती है। बच्चे को हकलाने, तुतलाने की समस्या है तो उसके गले में ब्लू कायनाइट या ब्लू लेपिज लाजूली पहनाना चाहिए। लगातार तीन महीने पहनने से बच्चे का गला खुलने लगता है और उसकी बोलने की शक्ति आने लगती है। उसकी हकलाहट दूर होती है।

मुद्रा से भी दूर होती है कम्युनिकेशन प्रॉब्लम

मुद्रा से भी दूर होती है कम्युनिकेशन प्रॉब्लम

मुद्रा शास्त्र में भी गले की समस्या ठीक करने के लिए कुछ विशेष मुद्रा का वर्णन मिलता है। गले से संबंधित परेशानी, गले में दर्द, खराब, बोलने में समस्या, हकलाने, तुतलाने की समस्या को ठीक करने के लिए शंख मुद्रा का प्रयोग किया जाता है। लेकिन ध्यान रखें यह मुद्रा बच्चों से नहीं करवाना चाहिए।
शंख मुद्रा बनाने के लिए बाएं हाथ के अंगूठे को दाएं हाथ के मध्य में रखकर मुट्ठी बंद कर लें। अब दांए हाथ के अंगूठे और बाएं हाथ की तर्जनी अंगुली के उपर के पोर आपस में जोड़ें। यह मुद्रा प्रतिदिन 10 मिनट तक बनाएं। इससे गले व थाइराइड ग्रंथि पर प्रभाव पड़ता है। आवाज मधुर होती है और बोलने से संबंधित विकार ठीक होते हैं। यह मुद्रा पूजन में भी प्रयोग होती है।

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English summary
Many children do not start speaking even when they are more than 4-5 years. Here is some Astrology Tips.
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