कामना सिद्ध के लिए मां दुर्गा का कैसे करें पूजन?
मां दुर्गा को प्रसन्न करना बहुत ही आसान है। बस मां दुर्गा का पूजन प्राकृतिक होनी चाहिए न कि कृत्रिम। अब आप लोगों के मन में यह सवाल उठेगा कि आखिर पूजा प्राकृतिक और कृत्रिम कैसे होती है?
नवरात्रि 2016: जानिए मां दुर्गा के नौ रूपों के बारे में...
हमारा शरीर प्रकृति के देन है और अधिकतर भौतिक वस्तुयें कृत्रिम है। जब हम विशुद्ध मन व निःस्वार्थ भाव से प्रार्थना करते है तो वह प्राकृतिक पूजा होती है और जॅहा पर कृत्रिम वस्तुओं के माध्यम से आदि शक्ति को प्रसन्न करने का प्रयास करते है, उसे कृत्रिम पूजा कहते है।
राशि के मुताबिक मां दुर्गा को प्रसन्न करने के मंत्र
कामना सिद्ध के लिए मां दुर्गा का कैसे करें पूजन के लिए करें मंत्रों का जाप जिसके लिए नीचे दौर फरमाएं।
मंगल कामना एंव सन्तान प्राप्त हेतु
सर्वमंगल
मांगल्ये
शिवे
सर्वाथसाधिके।
शरण्ये
र्त्यम्बके
गौरी
नारायणि
नमोस्तुते।।
मन्त्र
जप
संख्या-
5,000,
हवन
संख्या-1000
हवन
सामग्री-
देशी
घी,
कमलगट्टा।
अरोग्यता एंव भक्ति भाव के लिए
नतेभ्यः
सर्वदा
भक्तया
चण्डिके
दुरितापहे।
रूपं
देहिं
जयं
देहि
यषो
देहि
द्विषो
जहि।
मन्त्र
जप
संख्या-
5,000,
हवन
संख्या-2100
हवन
सामग्री-
देशी
घी
और
शहद।
आगे की खबर तस्वीरों में ...
सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्ति के लिए
सर्वाबाधाविनिर्मुक्तो
धनधान्यसुतान्वितः।
मनुष्यों
मत्यप्रसादेन
भविष्यति
न
संशयः।।
मन्त्र
जप
संख्या-
5,000,
हवन
संख्या-1100
हवन
सामग्री-
देशी
घी,
और
सरसों
के
दानें।
मानसिक उर्जा प्राप्त हेतु
त्वं
वैष्णवो
शक्तिरनन्तवीर्या
विश्वस्य
बींज
परमासि
माया।
सम्मोहितं
देवि
समस्तमेतत्
त्वं
वै
प्रसन्न
भुवि
मुक्ति
हेतु।।
मन्त्र
जप
संख्या-
21,00,
हवन
संख्या-101
हवन
सामग्री-
देशी
घी
अरोग्यता के लिए
जयन्ती
मंगली
काली
भद्रकाली
कपालिनी।।
दुर्गा
क्षमा
शिवा
धात्री
स्वाहा
स्वधा
नमोस्तुते।।
मन्त्र
जप
संख्या-
21,00,
हवन
संख्या-101
हवन
सामग्री-
देशी
घी,
चन्दन।
शतु्र से रक्षा के लिए
सर्वबाधाप्रशमनं
त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरी।
एवमेवा
त्वया
कार्यमस्मद्वैरी
विनाशनम।।
मन्त्र
जप
संख्या-
5,000,
हवन
संख्या-1100
हवन
सामग्री-
देशी
घी,
काली
मिर्च।
आत्मविश्वास एंव सकारात्मक सोंच के लिए-
सर्वस्वरूपे
सर्वज्ञे
सर्वशक्तिसमन्विते।
भयैभ्यस्त्राहि
नो
देवि
दुर्गे
देवि
नमोस्तुते।।
मन्त्र
जप
संख्या-
5,000,
हवन
संख्या-1100
हवन
सामग्री-
देशी
घी।
मनोकूल जीवन साथी एंव दाम्प्त्य सुख के लिए
पत्नी
मनोरमां
देहि
मनोवृत्तानुसारणीम्।
तरिणी
दुर्गसंसार
सागरस्य
कुलोद्भवाम।।
मन्त्र
जप
संख्या-
21,00,
हवन
संख्या-101
हवन
सामग्री-
देशी
घी।
अचानक विपत्ति से बचने के लिए
शरणागतदीनार्थपरित्राण
परायणे।
सर्वस्तयार्तिहरे
देवि
नारायणि
नमोस्तुते।।
मन्त्र
जप
संख्या-
21,00,
हवन
संख्या-101
हवन
सामग्री-
देशी
घी।