नवरात्रि 2015 विशेष- जानिए घटस्थापना के मुहूर्त
पं. सोमेश्वर जोशी
इस साल 13 अक्टूबर मंगलवार को अश्विन शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा, श्री अग्रसेन जयंती के साथ शरद नवरात्रि महापर्व को पूरे देश में हर्ष उल्लास के साथ मनाया जायेगा। प्रतिपदा से नवमी तक नौ दिनों तक चलने वाले इस शरद नवरात्रि महापर्व में मां भगवती को नौ रूपों में देखा जाता है। प्रतिपदा तिथि पूर्ण रात्रि तक होने से शुभ, अभिजित मुहूर्त में घट स्थापना के साथ ही भक्तों की आस्था का प्रमुख त्यौहार शरद नवरात्र आरम्भ हो जायेगा।
ये हैं विशेष योग:
इस बार की ग्रह स्थिति बुध आदित्य योग, उच्च के राहु तथा बुध और सिंहस्त बृहस्पति के होने से चल, अचल-संपत्ति खरीदने तथा व्यापार के लिए विशेष कर लाभ प्रद रहेगा। यह ऐसा योग है जो आठ साल बाद आया है। इससे पहले ऐसा योग 2007 में आया था, जिसमें चित्रा नक्षत्र जो देर रात्रि 4:38 तक तथा वैधृति योग जो रात्रि 11:17 बजे तक रहेगा।
घटस्थापना के मुहूर्त
-
रात्रि
11:49
बजे
से
12:
35
बजे
तक
अभिजित
मुहूर्त
है।
-
जो
लोग
इस
समय
घट
स्थापना
नहीं
कर
पाते
हैं
वे
सुबह
कर
सकते
हैं।
-
सुबह
6:
22
बजे
से
6:45
बजे
तक
कन्या
लग्न
में
स्थापना
कर
सकते
हैं।
-
इसके
अलावा
लाभ,
शुभ,
अमृत
या
राहु
काल
छोड़
कर
स्थिर
लग्न
भी
सही
समय
हैं।
- 13 अक्टूबर से 14 अक्टूबर को सुबह 8 बजे तक होने से प्रतिपदा दो दिन मानी जायेगी।
घटस्थापना के चौघड़िया मुहूर्त:
-
प्रातः
9:19
-
10:46
बजे
तक
चर
-
प्रातः
10:46
-
12:13
बजे
तक,
रात्रि
7:33
-9:06
बजे
तक
लाभ
-
दोपहर
12:13
-
1:40
बजे
तक,
रात्रि
12:13
-01:46
तक
अमृत
- रात्रि 10:40 -12:13 तक शुभ
घटस्थापना का अभिजीत मुहूर्त: 11:49 - 12:34 बजे तक
घटस्थापना के लग्न मुहूर्त:
-
प्रातः
6:22
-
6:45
बजे
तक
कन्या
(पत्रिका
अनुसार
शुभ)
-
प्रातः
8:59
-
11:15
बजे
तक
वृश्चिक
-
दोपहर
3:07
-
4:41
बजे
तक
कुम्भ
- रात्रि: 7:52 - 9:50 बजे तक वृषभ
विशेष: दोपहर 3:06 से 4:33 बजे तक राहुकाल रहेगा।
इस बार विशेष रूप से अष्टमी, नवमी रात्रि दुर्गा पूजा साथ में तथा नवमी और विजय दशमी दोनों एक ही दिन मनायी जाएगी। नवरात्रि दस दिन होने से दश महाविद्या की साधना का भी विशेष संयोग बन रहा है। घट स्थापना मंगलवार के दिन, देवी घोड़े पर आयेंगी और गुरुवार को मनुष्यों की सवारी से जाएंगी, जिससे सुख और सौभाग्य की वृद्धि होगी।