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जानिए रक्षाबंधन पर कैसे बांधें वैदिक रक्षा सूत्र

By पं.अनुज के शुक्ल
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रक्षा के संकल्प का त्यौहर रक्षाबंधन इस बार 29 अगस्त को मनाया जायेगा। आज कल बाजार में विभिन्न प्रकार की राखियों की भरमार है। बाजार ने हर वस्तु का अधुनीकरण कर दिया है। भौतिकवादी इस युग में लोग परम्परायें तो निभाते है किन्तु वैदिक विधियों को नजरअंदाज करके फैशनबल वस्तुओं को अधिक अपनाते है।

आइये हम आपको बताते है वैदिक रक्षा सूत्र बांधने की विधि?

इसके लिए निम्नलिखित पांच वस्तुओें की आवश्यकता पड़ती है।

दूर्वा-दूर्वा गणेश जी को प्रिय है अर्थात हम जिसे राखी बांध रहें है उसके विघ्नों का नाश हो तथा घर में बरक्कत हो। जिस प्रकार इसका एक अंकुर बोने से हजारों संख्या में तेजी से अंकुर उगते है। उसी प्रकार से भाईयों के वंश की वृद्धि होती है। सद्गुणों का विकास होकर समृद्धि आती है।

अक्षत-चावल में हल्दी मिलाकर अक्षत तैयार किये जाते है। हल्दी देव गुरू बृहस्पति से सम्बन्धित है। गुरू देव के प्रति श्रद्धा कभी क्षत-विक्षत न हो सदा अक्षत रहे।

केसर-केसर में शक्ति और ऊर्जा भरपूर मात्रा में होती है। केसर का सम्बन्ध भी बृहस्पति ग्रह से होता है। इसका प्रयोग करने से व्यक्तित्व में निखार आता है और पूरे वर्ष भर बृहस्पति देव आपकी रक्षा करते है।

चन्दन-चन्दन शीतलता प्रदान करता है। इसके प्रयोग से जीवन में सदाचार व और संयम की सुगंध फैलती है। चन्दन आपके तन व मन दोनों को शान्त और कान्तिमय बनाता है।

सरसों के दाने- सरसों की प्रकृति तीक्ष्ण होती है। इससे हमें यह संकेत मिलता है कि समाज के दुर्गणों व दुष्टों से पार पाने के लिए हमें तीक्ष्ण बनना होगा।

इस प्रकार इन पांच वस्तुओं से बनी हुई एक राखी को सर्वप्रथम अपने इष्ट देव समर्पित करें।इन पांच वस्तुओं को रेशम के कपड़े में रखकर सिलाई कर दे तत्पश्चात उसे कलावा में पिरो दे। इस प्रकार वैदिक राखी तैयार होती है। इस प्रकार से बनी हुयी वैदिक राखी को शास्त्रोक्त नियमा अनुसार बांधने से पूरे वर्ष हमारी रक्षा होती है।

बहनें राखी बांधते समय यह मन्त्र अवश्य बोलें-

येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वां अभिबन्धामि रक्षे मा चल मा चल।।

शिष्य अपने गुरू को रक्षा सूत्र बांधते समय निम्न मंत्र का उच्चारण-

येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।
तेन त्वां रक्षबन्धामि रक्षे मा चल मा चल।।

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English summary
The festival of Raksha Bandhan is celebrated on full moon day (Purnima) of Shravan Maas. While tying Rakhi, sister should chant the following mantra for the longevity of her brother.
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