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जानिए कुंडली से कि आप आईएस बन पायेंगे है कि नहीं?

By पं. अनुज के शुक्ल
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भारत की सबसे टॉप सर्विस सिविल सेवा के क्षेत्र में जाने का ख्वाब लगभग हर नवयुवक का एक सपना होता है। इस सपने को हकीकत में बदलने के लिए अमीर से लेकर गरीब माता-पिता अपनी सन्तान को हर सम्भव मद्द करने के लिए प्रतिबद्ध भी रहते है। कि काश कहीं ऐसा हो जाये कि मेरा बेटा-बेटी भी सिविल सेवा में चयनित होकर समाज में मेरा नाम रोशन करें। प्रत्येक व्यक्ति का एक अपना मौलिक व्यक्तित्व होता है और जब वह अपने व्यक्तित्व के हिसाब से अपना कैरियर चुनता है तो उसे सफलता अवश्य मिलती है। अब सवाल यह उठता है कि अपने व्यक्तित्व को पहचाना कैसे जाये ? अपने व्यक्तित्व के अनुसार करियर को चुनने में ज्योतिष आपकी बेहतर मद्द कर सकता है।

Astrology: Planetary combinations to become a IAS officer

अपने इस लेख में कुछ ऐसे योग बता रहा हॅू यदि ये योग आपकी कुण्डली में है तो आप सिविल सेवा के क्षेत्र में अवश्य सफल होंगे।

जन्म चक्र में नवम स्थान एंव उसके स्वामी से भाग्य का विचार किया जाता है। लग्न, चतुर्थ, पंचम एंव दशम स्थान इसके सहयोगी माने जाते है। भाग्येश लग्न, चतुर्थ, दशम स्थान में या लाभ स्थान या पंचम स्थान में हो तो जातक भाग्यशाली होता है।

1- यदि धनेश और पंचमेश की युति हो तो उच्च पद प्राप्त होता है और जातक आई,ए,एस या पी,सी,एस अधिकारी जरूर बनता है।

2- भाग्येश राज्य भाव में एंव राज्येश भाग्य पर बैठा हो और पंचमेश पंचम या नवम भाव पर या लग्न में बैठा हो तो जातक आई,ए,एस, अधिकारी बनता है।

3- यदि भाग्येश लाभ स्थान में बैठा हो और पंचमेश पंचम भाव पर बैठा हो और सप्तम स्थान पर मंगल बैठा हो तो जातक आई,पी,एस, अधिकारी बनेगा या सेना में सेकेण्ड लैप्टिनेन्ट बन सकता है।

4- भाग्येश लग्नेश की युति केन्द्र में हो सप्तम भाव को छोड़कर और पंचम भाव पर मंगल बैठा हो एंव बुध ग्रह द्वितीय स्थान में बैठा हो तो जातक आई आई टी से इन्जीनियरिंग में या फिर आई,ई,एस में टाॅप करता है।

5- चतुर्थ भाव का स्वामी भाग्य भाव पर बैठा हो और भाग्येश बुध हो या बुध के साथ बैठा हो लग्न सूर्य में हो तो जातक क्लास वन अधिकारी बनता है।

6- यदि जन्माॅग चक्र में पंच महापुरूष, गजकेसरी योग, चन्द्रादि योग, बुधादित्य योग है और भाग्येश, लग्नेश या भाग्येश, पंचमेश की युति केन्द्र या त्रिकोण में हो तो भी जातक आई,ए,एस, अधिकारी बनता है।

7- वर्गोत्तमी चन्द्र चार या अधिक ग्रहों की दृष्टि हो और भाग्येश भाग्य भाग्य भाव में बुध या शुक्र के साथ बैठा हो तो जातक के आई,ए,एस, अधिकारी बनने के प्रबल योग है।

8- लग्नेश, सुखेश व सप्तमेश तीनों दशम भाव में हो तो तथा दो या दो से अधिक ग्रह उच्च या स्वग्रही हो और भाग्येश एंव राज्येश का स्थान परिवर्तन योग हो तो जातक आई,ए,एस, अधिकारी बनेगा या फिर कैबिनट मन्त्री बनने की सम्भावना रहती है।

9- यदि भाग्येश और लाभेश का स्थान परिवर्तन योग हो या फिर आपस में दृष्टि सम्बन्ध हो तो जातक सिविल सेवा के क्षेत्र में जाता है।

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English summary
The birth chart to become a IAS officer. Mars is associated with courage, strength, stamina, passion and muscular power.
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