नवंबर के शुरू होते ही शनि ने बदली चाल, दिल्ली पर संकट के बादल
[पं. अनुज के शुक्ल] विक्रम संवत् 2071 में कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि, दिन रविवार 02 नवम्बर 2014 ई0 कुम्भ राशिस्थ चन्द्र के समय शनि ग्रह रात्रि 8:54 मि0 पर अपने घोर विरोधी मंगल की राशि वृश्चिक में प्रविष्ट होकर, 2 वर्ष 06 माह तक वही संक्रमण करेगा। यानी शनि ने अपनी चाल बदल ली है, कहीं साढ़ेसाती शुरू हुआ है, तो कहीं इसका उत्तम प्रभाव देखने को मिल सकता है। भारत की बात करें तो इसका सबसे ज्यादा प्रभाव दिल्ली पर देखने को मिल सकता है।
शनि की साढ़ेसाती
द्वादशे
जन्मगे
राशौ
द्वितीये
च
शनैश्चरः।
सार्धानि
सप्त
वर्षाणि
तथा
दुःखैर्युतो
भवेत।।
जन्म राशि यानि चन्द्र राशि से गोचर में जब शनि ग्रह द्वादश भाव, प्रथम भाव एंव द्वितीय भाव में भ्रमण करता है, तो साढ़े सात वर्ष के समय को शनि की साढ़ेसाती कहते है।
वृश्चिक राशि में शनि के गोचर फल
यदा
वृश्चिकगः
सौरिर्मेदिनी
दुःखसंयुता।
वर्षामात्रमथो
चोध्र्वमिन्दप्रस्थो
विनश्यति।।
प्रचण्ड मंगल की राशि वृश्चिक में शनि के गोचर करने से पृथ्वी पर नाना प्रकार के दुखों से प्रजा युक्त रहती है। वृश्चिक राशि में शनि के गोचर करने से राजकोप का भय, वायु सेनाओं का युद्ध, भूकम्प, मनुष्यों को कष्ट, कार्यों में विफलतायें, अनेक प्रकार की बीमारियों का प्रकोप रहता है।
दिल्ली पर आ सकती है विपदा
एक वर्ष पश्चात दिल्ली को भारी क्षति होने की आशंका है। राजधानी में बहुत उठा-पटक बनी रह सकती है। रूई व चांदी में तेजी आयेगी तथा सोना सस्ता होने के आसार है। पूर्वी व उत्तरी देशो की सीमाओें पर अशान्ति के हालात बने रहने के आसार है।
नीचे स्लाइडर में देखें आपकी राशि पर क्या प्रभाव पड़ेंगे, अगर विपरीत प्रभाव हैं, तो ये उपाय आप कर सकते हैं-
-
मदिरा
या
मादक
पदार्थो
का
सेंवन
न
करें।
-
नौंकरो
को
समय
पर
वेतन
दें।
-
काले
रंगों
का
प्रयोग
न
करें।
-
नित्य
किसी
बड़े,
बुजर्ग
का
पैर
छुकर
आशीर्वाद
लें।
-
कर्ज-ब्याज
का
लेन-देन
न
करें।
-
रिस्क
वाले
कार्य
एंव
शेयर
आदि
में
अधिक
निवेश
न
करें।
-
महामृत्युजंय
मन्त्र
का
नित्य
10
माला
125
दिन
तक
करें।
-
प्रति
शनिवार
सुरमा,
काले
तिल,
सौंफ
और
नागरमोथा
इन
सभी
को
जल
में
डालकर
स्नान
करें।
-
पिप्पलाद
उवाच
का
पाठ
करें।
- पश्चिम दिशा में कबाड़ या गन्दगीं न रखें
शनि के राशियों पर प्रभाव स्लाइडर में-
शनि की नई चाल का राशियों पर प्रभाव
स्लाइडर में आगे देंखें किस तरह से शनि की नई दशा आपके जीवन पर प्रभाव डाल सकती है।
मेष- शनि के स्वर्णपाद की ढैय्या
स्त्री जातकों को विशेष सुख रहेगा। आर्थिक लाभ के आसार बन रहें है। मनोबल व धैर्य में बढ़ोत्तरी होगी। सरकारी लोगों को पद, प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।
वृष- शनि ताम्रपाद का रहेगा
धन हानि, कुछ लोगों को व्यापार में हानि, परिवार में चिन्ता का माहौल बना रहेगा। नौकरी वाले लोगों का स्थान परिवार्तन हो सकता है। शासन से भय बना रहेगा। म्लेक्ष लोगों से दूरी बनायें रखें।
मिथुन- शनि रजतपाद का रहेगा
मानसिक अस्थिरता बनी रह सकती है। कुछ लोगों को पुराने रोग से छुटकारा मिलने के आसार है। धन के लेन-देन में सावधानी बरतें अन्यथा धन हानि हो सकती है। जीवन साथी को शारीरिकि कष्ट रह सकता है।
कर्क- शनि लौहपाद का रहेगा
कुछ लोगों के शरीर में कोई शारीरिक व्याधि उत्पन्न हो सकती है। सन्तान को कष्ट रह सकता है। अचानक खर्चे बढ़ सकते हैं। सोंच-समझकर धन निवेश करें वरना हानि हो सकती है।
सिंह- ताम्रपाद की ढैय्या रहेगी
नयीं व्याधि का आरम्भ हो सकता है। सन्तान को पीड़ा हो सकती है। धन का नाश, यात्रा में भय और शत्रुओं से सावधान रहने की जरूरत है। कुछ लोगों का स्थान परिवर्तन हो सकता है।
कन्या- शनि स्वर्ण पाद का रहेगा
साहस व पराक्रम में वृद्धि होगी। जीवन साथी से प्रेम बना रहेगा। सन्तान से मित्रवत व्यवहार बनायें रखना ही उचित होगा। प्रतिष्ठित जनों का साथ व सहयोग प्राप्त होगा। चोरों से सावधानी बनायें रखें।
तुला- रजत पाद की पैरों से उतरती शनि की साढ़ेसाती
कुछ लोगों को पेट में गैस बनने के कारण छाती में दर्द हो सकती है। जीवन साथी को कष्ट रह सकता है। मतिभ्रम के कारण अनिर्णय की स्थिति बनी रहेगी।
वृश्चिक- लौह पाद की ह्रदय पर आयी हुयी साढ़े साती
माता का क्लेश बना रहेगा। जीवन साथी से तनाव हो सकता है। ह्रदय रोगियों को विशेष सावधानी बरतनी होगी। धन का अपव्यय होगा। मन चिन्तित रहेगा। अनजान लोगों से सावधानी बरतें।
धनु- ताम्रपाद की शिर पर चढ़ती हुयी साढ़े साती
आर्थिक पक्ष में मजबूती आयेगी। बच्चों केे प्रति सावधानी बरतें वरना सिर पर कोई चोेट आदि लग सकती है। कुछ लोगों को शासन से सम्मान प्राप्त होगा लेकिन अनेक प्रकार की चिन्तायें घेरे रहेंगी।
मकर- शनि रजत पाद का रहेगा
जीवन साथी व सन्तान की चिन्ता बनी रहेगी। सरकारी कर्मचारियों कोे शासन का भय बना रहेगा। मुॅख व नेत्रों में रोग हो सकता है। घरेलू खर्चो के कारण बजट गड़बड़ा सकता है। कोई भी निर्णय सोंच-समझकर ही कोई निर्णय लें।
कुम्भ- शनि स्वर्ण पाद का रहेगा
विभिन्न प्रकार की चिन्तायें मन को घेरे रहेगी। स्वजनों से विरोध व परिवार में कलह हो सकती है। जीवन साथी से मतभेेद बना रह सकता है। कुछ लोगों को मस्तक व छाती में पीड़ा हो सकती है।
मीन- शनि लौह पाद का रहेगा
मित्रों व निज सम्बन्धों में विवाद या मतभेद बना रह सकता है। द्रव्य का अपव्यय होगा। नेत्र्र, छाती व पैरों में पीड़ा बनी रह सकती है। परिवार में विभिन्न प्रकार समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। वाणी में सौम्यता बनायें रखें।