हस्ताक्षर से जानिए कैसी हो सकती है व्यक्ति की पर्सनालिटी
स्वामी विवेकानन्द ने कहा है कि ''सफलता के उच्चतम बिन्दु पर पहुचना है तो संगठन बनाकर सामूहिक रूप से काम करना होगा।" संगठन बनाकर काम करने के लिए अनेक व्यकितयों की आवश्यकता होती है। आज-कल व्यकित को पहचानना मुशिकल काम है, क्योंकि अक्सर जो जैसा दिखता है, वैसा होता नहीं है। अधिकांशत: लोग नैतिकता, र्इमानदारी व चरित्रवान होने का वाहय आवरण ओढ़े रहते है और मौका मिलते ही अपना असली रंग दिखाने लगते है।
हलाकि व्यक्ति की पहचान उसके व्यक्तित्व से होती है। अब सवाल यह उठता है मनुष्य के व्यकितत्व को पहचाना कैसे जायें? हस्ताक्षर व्यकित के व्यकितत्व का आइना होता है। चूकि हस्ताक्षर में अगुलियों का प्रयोग होता है और अगुलियों का सीध सम्बन्ध दिमाग से होता है। जैसी आपकी सोच होगी या जो सोंचेगे उसका प्रभाव आपके हस्ताक्षर पर दिखेगा।
हस्ताक्षर किस प्रकार आपकी पर्सनालिटी को बयां करता है, या फिर हस्ताक्षर से आप किसी भी व्यक्ति का व्यक्तित्व कैसे जान सकते हैं, जानने के लिये स्लाइडर में हस्ताक्षरों के सामने टेक्स्ट को पढ़ें।
फैले हुए हस्ताक्षर
फैले हुये व लम्बे वार्इ या जी अक्षर के लूप या हिन्दी में उ एंव ऊ की मात्रा का बड़ा होना यौन इच्छा की प्रबलता को दर्शाता है। ऐसे व्यकित दूसरों से अपना काम निकलवाने में माहिर होते हैं। इन्हे मतलबी यार कहा जा सकता है।
पहले स्पष्ट फिर अस्पष्ट
यदि कोर्इ व्यकित पहले स्पष्ट व दूर-2 शब्दों को लिखता और अंतिम पैरा में छोटा-2 एंव ठीक से पढ़ने में न आने वाला लिखे तो उसके जीवन प्रथम भाग बहुत अच्छा व्यतीत होगा और जीवन के अंतिम भाग में कठिनार्इयों का सामना करना पड़ सकता है।
टेढ़े-मेढ़े हस्ताक्षर
मानसिक रूप से अपराधिक प्रवृतित वाले लोगों की हैंड राइटिंग के अक्षर टेढ़े-मेढ़े होते हैं और ऐसा लिखा हुआ होता है, जो ठीक से पढ़ने में नहीं आयेगा। ये अपनी लिखावट में प्वाइंट अधिक लगाते हैं।
लिखावट-हस्ताक्षर में अंतर नहीं
जिस व्यकित के लेखन एंव हस्ताक्षर में कोर्इ अन्तर नहीं होता है। वह जातक लगभग सभी के साथ समभाव रखता है। निश्चल तथा खुले दिमाग का होता है। ये जीवन गरिमापूर्ण बिताने का प्रयास करते है। अपने हर काम को ये बड़े सलीके से करने की कोशिश करते है।
हस्ताक्षर लिखावट से बड़े
यदि हस्ताक्षर लेखन से ज्यादा बड़े हो तो ऐसे जातक अति महत्वाकांक्षी का प्रकृति के होते है और सारे रिश्ते नाते ताख पर रखकर काफी हदतक अपनी मंजिल को पाने में कामयाब भी होते है। ये कल्पनाये ंतो बहुत करते-रहते है लेकिन उन्हे मूर्त देने में टाल-मटोल किया करते है।
लिखावट से छोटे
जिस मनुष्य के हस्ताक्षर लिखावट की अपेक्षा छोटे होते है। ऐसे लोग हीन भावना के शिकार होते है और हमेशा उनके मन पर भय हावी रहता है। संकोची स्वभाव के होने के कारण ये अपनी बात को दूसरे के समक्ष अच्छे ढ़ंग से नहीं रख पाते है।
पहला अक्षर बड़ा
जो लोग हस्ताक्षर करते वक्त प्रथम अक्षर बड़ा बनाते है और बाद के अक्षर छोटे, सुन्दर व स्पष्ट बनाते है। ये लोग प्रतिभावान होने की वजह से धारे-2 अपने लक्ष्य तक पहुचने में सफल होते हो जाते है। दूसरों की मदद व सहयोग करने में हमेशा तत्पर दिखते है। इनकी प्रगति धारे-2 होती है लेकिन स्थायी रहती है।
हस्ताक्षर समझना कठिन
जो व्यकित अव्यसिथत ढंग से जल्दबाजी में हस्ताक्षर करते है, जिसे पढ़ना कठिन होता है। इस प्रकार के लोग महत्वाकांक्षी, परिश्रमी होते है। लेकिन इनके जीवन में काफी उतार-चढ़ाव बना रहता है। ये कूटनीतिक प्रतिभा के धनी होते है। ऐसे लोग राजनीति के क्षेत्र में ज्यादा सफल होते है।
कटे हुए हस्ताक्षर
नकारात्मक सोंच रखने वाले व्यकितयों के हस्ताक्षर सामान्य रूप से कटे हुये प्रतीत होते है। इस तरह के लोग हमेशा असन्तुष्ट रहते है। ये क्षण भर में रूठ जायेंगे और क्षण भर में प्रसन्न भी हो जायेंगे। ये अपने आपसे भी ठीक से प्रेम नहीं करते है। हर चीज में कमी निकालना इनकी आदत में शुमार होता है।
हस्ताक्षर में बिंदु या डैश
जो लोग हस्ताक्षर के अन्त में बिन्दु या डैश लगाते है। वे धीर गंभीर दिखार्इ देंगे किन्तु अन्दर से बहुत शंकालु प्रवृतित के होते है। इन्हे समझ पाना कठिन काम होता है। ये अपनी बातों को किसी से जल्दी शेयर नहीं करते है। स्वयं पर अपना सन्तुलन बनाने में निपुण होते है।
कलम पर ध्यान
ऐसे लोग जो हस्ताक्षर करते समय कलम पर अधिक दबाव डालते है। वे लोग जिददी, संवेदनशील, व क्रोधी प्रवृतित के होते है। ये मक्खनबाजी न करके स्पष्ट बोलने में अधिक विश्वास करते है।
बिना कलम उठाये
जो लोग बिना कलम उठाये एक बार में पूरे हस्ताक्षर कर डालते है। ऐसे जातक वाद-विवाद में पारागंत, रहस्यमयी, चालाक व अवसरवादी होते है। ये अपनी सफलता के रहस्य किसी से शेयर नहीं करते है।
तीव्र गति से हस्ताक्षर
जो मनुष्य तीव्रगति से हस्ताक्षर करता है। वह लगभग हर कार्य में दक्ष रहने की कोशिश करता हैं एंव हर चीज में फास्ट रहता है। उसे आलसी लोग कतर्इ पसन्द नहीं होते है। इनकी ज्यादातर सोंच अपने पर ही केनिद्रत रहती है।
कलम पर दबाव नहीं डालें
जो जातक अपने हस्ताक्षर को लिखते वक्त कलम पर ज्यादा दबाव न डालें वह व्यकित सामाजिक उत्सवों में बढ़-चढ़कर भाग लेता। ऐसे लोग स्वयं का हित न ध्यान रखकर समाज की समस्याओं को समाप्त करने का बीणा उठाते है।
बायें हाथ से हस्ताक्षर
ऐसे लोग जो अपने हस्ताक्षर बायें हाथ से करते है। उनमें गजब की प्रतिभा होती है। वे जिस क्षेत्र में जायेंगे उसमें इतिहास रचने की कोशिश करेंगे। लापरवाही इनके जीवन का सबसे नकारात्मक पक्ष है।