मंगल ग्रह के व्रत से मिलती है हर कदम पर जीत
1.
मंगल
ग्रह
का
व्रत
मंगलवार
को
रखें।
2.
यह
व्रत
किसी
भी
शुक्ल
पक्ष
के
प्रथम
मंगलवार
से
शुरू
करें।
3.
व्रत
कब
तक
करें
अर्थात
व्रत
संख्या
21
या
45
मंगलवार
तक
रखें।
4.
नमक
पूर्णत:
वर्जित
है।
पूजा
घर
में
मंगल
यन्त्र
की
स्थापना
करके
उसकी
नियमित
पूजा
करें।
5.
शुद्धता
का
पूर्ण
ध्यान
रखें।
6.
भोजन
के
रूप
में
गुड़
से
बने
हलुवे
या
लडडुओं
का
भोग
लगाकर
प्रसाद
वितरित
करके
सेवन
करें।
7.
भोजन
करने
से
पहले
दान
करें।
8.
भोजन
से
पूर्व
मंगल
देव
को
लाल
चन्दन,
लाल
पुष्प
और
जल
से
अध्र्य
प्रदान
करें।
9.
व्रत
के
दिन
मंगल
मंत्र
"ऊँ
क्राँ
क्रीं
क्रौं
स:
भौमाये
नम:"
का
10000
या
2
माला
जप
करें।
10.
मस्तक
पर
लाल
चन्दन
का
तिलक
करें
और
पहनने
वाले
वस्त्रों
में
लाल
कपड़ो
का
प्रयोग
करें।
11.
जब
व्रत
का
अनितम
मंगलवार
हो
तो
मंगल
मंत्र
से
हवन
करके
पूर्णाहूति
देकर
ब्राह्राणों
को
मीठा
भोजन
कराकर
लाल
वस्तुओं
का
दान
करें।