परेशानियों से छुटकारा दिलाता है पंचमुखी रुद्राक्ष
1-पाँचमुखी रूद्राक्ष को शरीर में धारण करनें से व्यक्ति में जीवन के प्रति संघर्ष व धैर्य की क्षमता में वृद्धि होती है।
2-किसी व्यापक समस्या में उलझे मनुष्यों को पाँचमुखी रूद्राक्ष धारण करने से समस्याओं से छुटकारा मिलता है।
3- जो व्यक्ति अपने मन की बात कहने में संकोच करते है अथवा संकोची स्वभाव के होते है। ऐसे लोगों को पाँचमुखी रूद्राक्ष धारण करने से उनकी प्रतिभा व व्यक्तित्व में निखार आता है।
4- जो लोग अधैर्य या जल्दबाजी में गलत निर्णय ले लेते है, और बाद में अफसोस करते है। ऐसे लोगों को पाँचमुखी रूद्राक्ष करने से लाभ मिलता है।
5- राजनीति से जुड़े व्यक्तियों को पाँचमुखी रूद्राक्ष पहनने से उनके नेतृत्व में गजब का निखार आता है।
6- बृहस्पति ग्रह से जनित दोषों के निवारण हेतु पाँचमुखी रूद्राक्ष धारण करना काफी कारगर सिद्ध होता है।
7-हाईब्लड प्रेशर के रोगियों को पाँचमुखी रूद्राक्ष को चांदी में जड़वाकर कण्ठ में धारण करने से उच्च रक्त चाप नियन्त्रित रहता है।
धारण विधि- किसी भी महीने की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी, चतुर्दशी और पूर्णिमा इन तीनों दिन में पाँचमुखी रूद्राक्ष को शिवलिंग के साथ रखकर गंगा जल और कुश से निम्न मन्त्र- "नमः शिवाय" से जल छिड़के। तत्पश्चात चन्दन का तेल लगाकर मन्त्र 1 माला का जाप करें।
हवन
मन्त्र-
''ओइम्
भूर्भवः
स्वः
त्रयम्ब
यजामहे
सुगिन्धं
पुष्टिवर्धनम्।
उव्र्वारूकमिव
बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय
मा
मृतात्
ओइम्
भूर्भव
स्वः।।
इस मन्त्र से 11 बार स्वाहा बोलकर एंव अग्नि हवन की 5 बार प्रदिक्षणा करके पाँचमुखी रूद्राक्ष को धारण करने से अवश्य लाभ मिलता है।