साहसी होते हैं गुरुवार को जन्में लोग
1- आप साहसी, श्रमशील, शिक्षा व ज्ञान का अर्जन करने वाले होते है।
2- आप महत्वाकांक्षी, अनुशासन प्रिय तथा किसी भी कार्य का नेतृत्व करने वाले होते है।
3- कठोर अनुशासन के कारण बहुत से लोग आपके स्वतः शत्रु बन सकते है।
4- आपके साहस व तर्क के आगे कोई भी व्यक्ति ठहर नहीं पायेगा।
5- आपका जीवन तानाशाही से भरा रहता है, यह आपका नकारात्मक पक्ष होगा।
6- आपके गम्भीर स्वभाव को लोग घमन्डी कहेंगे।
7- आप-अपने विचारों एंव भावनाओं को दूसरे के सामने बहुत अच्छे ढ़ग से पेश करते है, इसी कारण आप से लोग जल्दी प्रभावित हो जाते है।
8- दूसरों से अपना काम निकलवाने के लिये आप कुछ भी कर सकते है, परन्तु कार्य हो जाने पर उसे भूल भी जायेंगे।
9- आप बहुत ज्यादा शौकीन मिजाज के होंगे, मौज, मस्ती, सजावट, में बेहद खर्चीले होंगे। इसलिये धन आपके पास रूक नहीं पाता है।
10- मित्रों की संख्या आपके पास अधिक होगी परन्तु विश्वसनीयता की कमी रहेगी।
11- गुरूवार को जन्में व्यक्तियों का बाल्यावस्था का जीवन बहुत ही खराब परिस्थितियों में व्यतीत होता है।
12- किसी भी कार्य में जल्दी-जल्दी बोलना, तर्क देना तथा दूसरों के सभी प्रश्नों का उत्तर आप-अपनी तीक्ष्ण बुद्धि से दे पाने में समर्थ रहेंगे।
13- आपका मुख्य कार्य मानवता की सेवा करना है। आप सदैव अपने जीवन में दुःखी लोगों की सेवा के लिये तत्पर रहेंगे।
स्त्रियों का स्वभाव-
1-जिन
स्त्रियों
का
जन्म
गुरूवार
के
दिन
हुआ
है,
उनका
स्वभाव
धार्मिकता
से
परिपूर्ण
होता
है।
2-
आप
या
तो
नयें
विचारों
की
होगी
या
फिर
एकदम
पुराने
ख्यालों
की
होगी।
3-
आपके
चेहरे
का
रंग
कुछ
पीलापन
लिये
हुये
होगा।
4-
आपका
विवाह
भावुकता
के
कारण
अचानक
जल्दबाजी
में
हो
सकता
है,
परन्तु
बाद
में
पछतावा
भी
होगा।
अतः
जल्दबाजी
में
कोई
भी
कदम
न
उठायें।
5-
आप
में
अहंकार
की
भावना
कुछ
ज्यादा
होगी
इसलिये
आपकी
मित्रता
सबसे
नहीं
हो
पायेगी।
6-
आपका
पति
सुन्दर,
शालीन,
सभ्य
व
आपकी
देखभाल
करने
वाले
होगा।
स्वास्थ्य- आपको लीवर, शारीरिक कमजोरी, खून की कमी, ह्रदय रोग, मोटापा आदि बीमारी होने की सम्भावना रहेगी।
शुभ दिन- आपके लिये गुरूवार, रविवार और मंगलवार दिन अच्छे रहेंगे।
शुभ
महीना-
19
फरवरी
से
20
मार्च
और
21
नवम्बर
20
दिसम्बर
तक
समय
आपके
लिये
अनुकूल
रहेगा।
अशुभ
दिन-
जनवरी,
जुलाई
और
अगस्त
ये
महीने
आपके
लिये
प्रतिकूल
रहेंगे।
शुभ रत्न- आपके लिये शुभ रत्न पुखराज या सुनहला, नीलमणि, फिरोजा। यह रत्न आप तर्जनी या मध्यमा अंगुली में चांदी की अंगूठी में दिन गुरूवार के दिन पहन सकते हैं।
व्रत और त्यौहार- आप भगवान विष्णु व गुरू की उपासना कर सकते है। आपके लिये गुरूवार का व्रत रखना अच्छा रहेगा। आप रूद्राक्ष की माला से निम्न मन्त्र की- ऊॅ बृं बृहस्पते नमः की एक माला नित्य जाप करें।