काफी आकर्षक और कामुक होते हैं ज्येष्ठा नक्षत्र वाले...
नई दिल्ली। नक्षत्र से व्यवहार, गुणधर्म, रूप की जानकारी देने के इस चौथे भाग में अनुराधा से श्रवण, इन छह नक्षत्रों में जन्मे लोगों के बारे में जानिए...
बला की खूबसूरत होती हैं चित्रा नक्षत्र में जन्मी स्त्रियां
अनुराधा: अनुराधा नक्षत्र में जन्मे लोग सफल व्यापारी होते हैं। ये जो भी बिजनेस प्रारंभ करते हैं उसमें सफलता इनके पीछे चली आती है। धन संपदा की इनके पास कमी नहीं होती, मान-सम्मान भी खूब प्राप्त करते हैं। हालांकि ये मोटे शरीर वाले होते हैं। सेहत के प्रति सजग नहीं रहने के कारण जीवन के उत्तरार्ध में अनेक रोगों से ग्रसित होते हैं। इनका भाग्योदय 39वें वर्ष की आयु में होता है।
ज्येष्ठा
इस नक्षत्र में जन्मे लोग बुद्धिमान, चतुर, सभी कार्यों में होशियार होते हैं। इनके अनेक मित्र होते हैं। स्वभाव भी बहुत शांत और शीतल होता है। किसी भी बात पर इन्हें जल्दी क्रोध नहीं आता। ज्येष्ठा नक्षत्र में जन्मे स्त्री और पुरुष विपरीत लिंग के प्रति जल्दी आकर्षित होते हैं और उन्हें रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। धन संपत्ति इनके पास अल्प ही होती है लेकिन सुखी जीवन जीते हैं।
मूल
मूल नक्षत्र का स्वभाव है विशाल हृदयी, दानी, परोपकारी। यही गुण इस नक्षत्र में जन्मे लोगों में भी आता है। ये अपनी बिरादरी में खूब मान-सम्मान पाते हैं। धन भी इनके पास अच्छा होता है। स्वास्थ्य की दृष्टि से इनका जीवन ठीक नहीं चलता है। बार-बार रोगी होते हैं। कई बार दुर्घटनाएं भी इनके जीवन में होती हैं। भाग्योदय 27 या 31वें वर्ष की आयु में होता है।
पूर्वाषाढ़ा
मित्र बनाने में इनके जैसा कोई नहीं हो सकता। पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में जन्मे लोग मित्रों से घिरे रहते हैं। अपने संबंधों के दम पर ये बड़ी से बड़ी परेशानियों से पार पा जाते हैं। उदार, स्वाभिमानी, शत्रुओं को पराजित करने वाले, होते हैं। इनके पास धन बहुत अधिक नहीं होता लेकिन फिर भी इनक कोई कार्य रूकता नहीं है। भाग्योदय 28वें वर्ष में हो जाता है और फिर ये जीवन में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखते।
उत्तराषाढ़ा
इस नक्षत्र वाले जातक गीत-संगीत के शौकीन होते हैं। बड़े गायक, संगीतकार प्रायः इसी नक्षत्र में जन्म लेने वाले बनते हैं। इनकी प्रसिद्धि का रास्ता भी संगीत से होकर जाता है। लेकिन इनकी कुंडली में जब-जब बुरे ग्रहों की दशा आती है ये गलत राह पर चल पड़ते हैं और अपने धन, मान, प्रतिष्ठा की हानि करवा बैठते हैं। कामुकता भी इनमें बहुत होती है।
श्रवण
वाचाल किस्म के होते हैं श्रवण नक्षत्र में जन्मे जातक। बुद्धिमान, चतुर, साहसी होते हैं और अपने शुभ कार्यों से संसार में बड़ा नाम कमाते हैं। इन्हें जीवनसाथी अत्यंत सुंदर और शिक्षित मिलता है। गणित और ज्योतिष में इनकी विशेष रुचि होती है। हालांकि कई बार संकुचित विचारधारा वाले लोग भी इस नक्षत्र वाले देखे गए हैं। इनके जीवन का 19 से 24 वें वर्ष का समय बेहद खराब गुजरता है।
अगले भाग में जानिए धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र में जन्मे लोगों का स्वभाग और गुणधर्म।