हनुमान जी के इस मंदिर में आकर 90 दिनों के अंदर ठीक हो जाते हैं कैंसर के मरीज
मंत्रों से बीमारियों का इलाज विनेश जैन ज्योतिषाचार्य करते हैं। विनेश जैन ज्योतिष ऋषि हैं। विनेश जैन को जन्म कुंडली, वास्तुशास्त्र, अंकशास्त्र एवं हस्तरेखा में महारथ हासिल है।
मेरठ। आज पूरा देश हनुमान जयंती मना रहा है। भक्तों के लिए भगवान हनुमान का जन्मदिन यानी उनकी जयंती खासा मायने रखती है। सड़कों पर, मंदिरों में या फिर तीर्थ स्थलों पर जयंती महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। भक्त मंदिरों में उमड़ रहे हैं और भगवान हनुमान की पूजा कर जिंदगी के कष्टों से मुक्ति के लिए पूजा कर रहे हैं। लेकिन इन सबके बीच एक तीर्थ स्थल ऐसा है जहां आज के दिन लोगों का जमवाड़ा इसलिए होता है ताकि उन्हें उन रोगों से मुक्ति मिल सके जिसे दुनिया भर के डॉक्टरों ने मना कर दिया।
त्रिलोकी धाम तीर्थ स्थल
जी हां हम बात कर रहे हैं यूपी के मेरठ जिले में स्थित श्री त्रिलोकी धाम तीर्थ स्थल की जहां ब्लड कैंसर, एचआईवी एड्स, किडनी आदि के मरीजों का मंत्रों से उपचार करने का दावा किया जाता है। मंदिर के सरंक्षक देश भूषण सिंह उर्फ बिल्लू ने खास बातचीत में यह दावा किया कि इस तीर्थ स्थल पर कुछ ऐसी शक्तियों का वास है जिनके चलते बड़ी से बड़ी बीमारियों का इलाज किया जाता है।
क्या है मंदिर की खासियत
धर्मनगरी डाहर, तहसील सरधना, जिला मेरठ में स्थित श्री त्रिलोकी धाम मंदिर हनुमान जी की प्रतिमा सहित 21 शिवपिंडी हैं। धर्म से जुड़े लोगों का तो यहां आना होता ही है लेकिन गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोग भी यहां आते हैं। ऐसा दावा किया जाता है कि मंत्रों के उच्चारण से 90 दिनों के अंदर यहां ब्लड कैंसर, एड्स जैसी खतरानक बीमारियां का इलाज होता है। देश भूषण सिंह ने बताया कि वो कम से कम 15 ऐसे लोगों को व्यक्तिगत तौर पर जानते हैं जो यहां आने के बाद कैंसर जैसी बीमारी से आजादी पा गए।
विनेश जैन ज्योतिषाचार्य करते हैं इलाज
मंत्रों से बीमारियों का इलाज विनेश जैन ज्योतिषाचार्य करते हैं। विनेश जैन ज्योतिष ऋषि हैं। विनेश जैन को जन्म कुंडली, वास्तुशास्त्र, अंकशास्त्र एवं हस्तरेखा में महारथ हासिल है। मंदिर के सरंक्षक का दावा है कि विनेश जैन मंत्रों की दिव्य उर्जा से गंभीर से गंभीर बीमारी ठीक कर देते हैं।
क्यों खास है आज का दिन
देश भूषण सिंह के मुताबिक आज का दिन इसलिए खास है क्योंकि इन पावन दिनों में शक्तियां ज्यादा असरदार होती हैं। हालांकि उनका दावा है कि इलाज की प्रक्रिया हर दिन चलती है लेकिन इन दिनों मंत्रोच्चार की उर्जा ज्यादा होती है। उन्होंने बताया कि होली, दीवाली, शिवरात्री या फिर हनुमान जयंती के मौकों पर भक्तों के साथ-साथ ऐसे मरीजों (खून से जुड़ी बीमारियां) की भीड़ ज्यादा उमड़ती है।