सावन- जानिए कितने प्रकार के शिवलिंग बना सकते हैं आप
शिवलिंग पूजन में जलधारा से अभिषेक का विशेष महत्व है। अभिषेक का शाब्दिक अर्थ है स्नान करना या कराना। शिवजी के अभिषेक को रुद्राभिषेक भी कहा जाता है। रुद्राभिषेक का मतलब है भगवान रुद्र (शिव) का अभिषेक करना। शास्त्रों के अनुसार अभिषेक कई प्रकार के बताए गए हैं। रुद्रमंत्रों द्वारा शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है, इसे ही रुद्राभिषेक कहा जाता है। अभिषेक जलधारा से किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार समुद्र मंथन के समय दुर्लभ रत्नों के साथ ही भयंकर विष भी निकला था।
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इस विष की वजह से समस्त सृष्टि पर प्राणियों का जीवन संकट में आ गया था। सृष्टि को बचाने के लिए शिवजी ने इस विष का पान किया था। विष पान की वजह से शिवजी के शरीर में गर्मी का असर काफी तीव्र हो गया था। इस गर्मी को खत्म करने के लिए ही शिवलिंग पर लगातार जलधारा से अभिषेक करने की परंपरा प्रारंभ हुई। जल से शिवजी को शीतलता प्राप्त होती है और विष की गर्मी शांत होती है।
शिवलिंग पर ऐसी कई चीजें अर्पित की जाती हैं, जिनकी तासीर ठंडी होती है। ठंडी तासीर वाली चीजों से शिवजी को शीतलता प्राप्त होती है। जो भी भक्त नियमित रूप से शिवलिंग पर जल अर्पित करता है, उसे सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त होती हैं। कार्यों में भाग्य का साथ भी मिलने लगता है। शिवलिंग के मात्र दर्शन ही सौभाग्यशाली होता है। इसके लिए किसी प्राणप्रतिष्ठा की आवश्कता नहीं हैं। पर इसके ज्यादा लाभ उठाने के लिए पूजन विधिक्त की जानी चाहिए।
स्लाइडर में जानते हैं कितने प्रकार के शिवलिंग होते हैं। नोट- ये तस्वीरें शिवपूजन की हैं, न कि उन शिवलिंगों की, जिनका जिक्र हम स्लाइडर में कर रहे हैं।
मिश्री से बने शिवलिंग
मिश्री (चीनी) से बने शिव लिंग कि पूजा से रोगो का नाश होकर सभी प्रकार से सुखप्रद होती हैं।
चूर्ण से बने शिवलिंग
सोंठ, मिर्च, पीपल के चूर्ण में नमक मिलाकर बने शिवलिंग कि पूजा से वशीकरण और अभिचार कर्म के लिये किया जाता हैं।
फूुलों से बने शिव लिंग
फूलों से बने शिव लिंग कि पूजा से भूमि-भवन कि प्राप्ति होती हैं।
गेहूं, चावल के शिव लिंग
जौं, गेहुं, चावल तीनो का एक समान भाग में मिश्रण कर आटे के बने शिवलिंग कि पूजा से परिवार में सुख समृद्धि एवं संतान का लाभ होकर रोग से रक्षा होती हैं।
फल के बने शिव लिंग
किसी भी फल को शिवलिंग के समान रखकर उसकी पूजा करने से फलवाटिका में अधिक उत्तम फल होता हैं।
भस्म से बने शिव लिंग
यज्ञ कि भस्म से बने शिव लिंग कि पूजा से अभीष्ट सिद्धियां प्राप्त होती हैं।
बांस के अंकुर के शिव लिंग
यदि बाँस के अंकुर को शिवलिंग के समान काटकर पूजा करने से वंश वृद्धि होती है।
दही से बने शिव लिंग
दही को कपडे़ में बांधकर निचोड़ देने के पश्चात उससे जो शिवलिंग बनता हैं उसका पूजन करने से समस्त सुख एवं धन कि प्राप्ति होती हैं।
गुड़ से बने शिव लिंग
गुड़ से बने शिवलिंग में अन्न चिपकाकर शिवलिंग बनाकर पूजा करने से कृषि उत्पादन में वृद्धि होती हैं।
आंवले के शिव लिंग
आंवले से बने शिवलिंग का रुद्राभिषेक करने से मुक्ति प्राप्त होती हैं।
कपूर के शिव लिंग
कपूर से बने शिवलिंग का पूजन करने से आध्यात्मिक उन्नती प्रदत एवं मुक्ति प्रदत होता हैं।
दुर्वा के बने शिव लिंग
यदि दुर्वा को शिवलिंग के आकार में गूंथकर उसकी पूजा करने से अकाल-मृत्यु का भय दूर हो जाता हैं।
स्फटिक के शिव लिंग
स्फटिक के शिवलिंग का पूजन करने से व्यक्ति कि सभी अभीष्ट कामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ हैं।
मोती के बने शिव लिंग
मोती के बने शिवलिंग का पूजन स्त्री के सौभाग्य में वृद्धि करता हैं।
सोने के शिव लिंग
स्वर्ण निर्मित शिवलिंग का पूजन करने से समस्त सुख-समृद्धि कि वृद्धि होती हैं।
चांदी के शिव लिंग
चांदी के बने शिवलिंग का पूजन करने से धन-धान्य बढ़ाता हैं।
पीपल की लकड़ी के शिव लिंग
पीपल कि लकड़ी से बना शिवलिंग दरिद्रता का निवारण करता हैं।
लहसुन के शिव लिंग
लहसुनिया से बना शिवलिंग शत्रुओं का नाश कर विजय प्रदत होता हैं।
मिट्टी के शिव लिंग
बिबर के मिट्टी के बने शिवलिंग का पूजन विषैले प्राणियों से रक्षा करता है।
पत्थर के शिव लिंग
पारद शिवलिंग का अभिषेक सर्वोत्कृष्ट माना गया है। घर में पारद शिवलिंग सौभाग्य, शान्ति, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के लिए अत्यधिक सौभाग्यशाली है। दुकान, ऑफिस व फैक्टरी में व्यापारी को बढाऩे के लिए पारद शिवलिंग का पूजन एक अचूक उपाय है।