For Daily Alerts
जानिए भगवान महावीर ने धर्म के बारे में क्या कहा?
जैन धर्म के प्रवर्तक महावीर एक आदर्श व्यक्तित्व के मालिक हैं जिन्होंने लोगों को समझाया कि अपना नजरिया बदलो तभी दुनिया अच्छी लगेगी। अगर आपके नजर में खराबी है तो आप अच्छे-खासे वस्त्र वाले इंसान को भी बिना कपड़े वाला ही समझेंगे।
जानिए माता वैष्णों देवी की कहानी और मान्यता के बारे में
त्याग और तपस्या के प्रतीक महावीर ने दुनिया को सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया और जीवन के पांच मूल मंत्र लोगों को सिखाये जो कि जैन धर्म का मंत्र बन गया जो कि निम्नलिखित है..
जानिए भगवान महावीर ने धर्म के बारे में क्या कहा?
-
सत्य:
सदा
सत्य
बोलो
क्योंकि
सच्चे
इंसान
के
साथ
कभी
कुछ
गलत
नहीं
होता।
सत्य
की
जीत
हमेशा
होती
है।
-
अहिंसा:
जीव
हत्या
मत
करो,
दुनिया
के
हर
जीव
के
प्रति
अपने
मन
में
दया
का
भाव
रखो।
उनकी
रक्षा
करो।
-
अपरिग्रह:
जो
आदमी
खुद
सजीव
या
निर्जीव
चीजों
का
संग्रह
करता
है,
दूसरों
से
ऐसा
संग्रह
कराता
है
उसको
दुःखों
से
कभी
छुटकारा
नहीं
मिल
सकता।
-
ब्रह्मचर्य:
ब्रह्मचर्य
उत्तम
तपस्या,
नियम,
ज्ञान,
दर्शन,
चारित्र,
संयम
और
विनय
की
जड़
है।
जो
पुरुष
स्त्रियों
से
संबंध
नहीं
रखते,
वे
मोक्ष
मार्ग
की
ओर
बढ़ते
हैं।
-
क्षमा:
जो
क्षमादान
देना
जानता
है
वो
दुनिया
का
सर्वश्रेष्ठ
इंसान
है।
-
धर्म:
अहिंसा,
संयम
और
तप
ही
धर्म
है।
- अस्तेय: कभी भी चोरी नहीं करनी चाहिए।
भगवान महावीर ने चतुर्विध संघ की स्थापना की। देश के भिन्न-भिन्न भागों में घूमकर भगवान महावीर ने अपना पवित्र संदेश फैलाया।
Comments
English summary
Mahavir is often called the founder of Jainism, but this was not the case because the Jain tradition recognizes his predecessors.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें