जानिए मां सीता के बारे में कुछ खास बातें..
बैंगलुरू। मां सीता एक आदर्श स्त्री का उतकृष्ण उदाहरण हैं। वो अच्छी पुत्री, आदर्श पत्नी, उच्च चरित्र वाली महिलाओं में गिनी जाती हैं लेकिन तुलसी दास की राम चरित मानस और वाल्मीकि रामायण में मां सीता के बारे में कुछ अलग-अलग बातें पढ़ने को मिलती हैं।
जानिए भगवान राम के अस्तित्व से जुड़ी खास बातें
आईये एक बार डालते हैं उन खास बातों पर एक नजर...
-
वाल्मीकि
रामायण
के
मुताबिक
मां
सीता
और
भगवान
राम
की
शादी
के
वक्त
सीता
की
उम्र
6
साल
थी।
-
वाल्मीकि
रामायण
के
मुताबिक
मां
सीता
शादी
के
बाद
12
साल
तक
भगवान
राम
के
साथ
अयोध्या
में
रहीं।
- वाल्मीकि रामायण जाते वक्त मां सीता की उम्र 18 साल थी, यह भी बाल्मिकी की रामायण में लिखा है।
मां सीता के बारे में और बातें करेंगे नीचे की स्लाइडों में...कृप्या उन्हें पढ़ने के लिए नीचे की स्लाइडरों पर क्लिक कीजिये...
सीता स्वयंवर
रामचरित मानस में सीता स्वयंवर का उल्लेख लेकिन वाल्मीकि रामायण में नहीं।
सीता
बाल्मिकी ने लिखा है कि राम गुरू विश्वामित्र के साथ जनकपुरी गये थे जहां बातों-बातों में उन्होंने शिवजी का धनुष तोड़ दिया जिसके बाद जनक ने सीता का विवाह उनसे कर दिया था क्योंकि उन्होंने प्रण किया था कि वो उसी से सीता की शादी करेंगे जो धनुष तोड़ेगा।
सीता का हरण
वाल्मीकि रामायण के अनुसार रावण ने सीता का हरण अपने रथ से किया था। रावण का यह दिव्य रथ सोने का बना था।
पुष्पक विमान
जबकि तुलसीदास ने लिखा है कि सीता को हरण के बाद रावण उन्हें पुष्पक विमान से लंका ले गया था।
मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी
तुलसीदास ने लिखा है कि मार्गशीर्ष मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी को सीता और राम की शादी हुई थी लेकिन रामायण में ऐसा नहीं वर्णन नहीं है।
सीता को कभी नहीं भूख-प्यास
वाल्मीकि रामायण में लिखा है कि सीताहरण के बाद इंद्र ने ऐसी खीर बनाकर सीता को खिलाई जिसके बाद सीता जब तक लंका में रहीं भूख-प्यास नहीं लगी जबकि यह सब कुछ तुलसी दास ने नहीं लिखा है।