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इस गौवंश की रक्षा का तुम खुद सही विधान करो

By 'चेतन' नितिन खरे
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जिस सिंहासन बैठे मोदी हम उसको शीश नवाते हैं।
हम करते हैं सम्मान आपका गौ माता को ध्याते हैं।।
कलमकार हम राष्ट्र समर्पित सच पे कलम चलाते हैं।
कर्तव्य गए जो भूल आप हम उसको याद दिलाते हैं।।

सुनो गौर से मोदी जी अपनी बातों को ध्यान करो।
हमें बंधीं आश जो तुमसे उसका भी कुछ मान करो।।
हे राज-धर्म के राष्ट्र-दूत सबके कष्ट निदान करो।
इस गौवंश की रक्षा का तुम खुद सही विधान करो ।।

अपनी गौ माता की रक्षा का तुमने संकल्प उठाया था।
अपने हांथों से गौ माँ को खुद तुमने ग्रास खिलाया था।।
तुमने थाल सजाके पूजा कर मत्थे तिलक लगाया था।
तब गौ भक्तों का साथ मिला तो देश एक हो आया था ।।

पूज्यनीय इस कामधेनु को तुमने गले लगाया था।
होगा गौ-वध बंद देश में खुद तुमने फरमाया था।।
भारत भर के गौ-भक्तों का साथ आपने पाया था।
एक साथ होकर हमने तुम पर विश्वास दिखाया था।।

ये कटता लाखों गो-वंश देखकर कैसे तुम सो जाते हो।
नहिं सुनते करूण पुकार गाय कि गौभक्त कहलाते हो।।
यहाँ रोज दुधारीं चलतीं हैं लाखों गर्दन कट जाती हैं।
यह शश्य श्यामला धरा रोज गौ-मांस से पट जाती है।

सूरज उगने से पहले ही धार लहू की बहती है।।
त्राहिमाम व त्राहिमाम बस गैया कहती रहती है।
वर्षों से सरकार अभी तक नहीं नींद से जागी है।।
जो गौरक्षा में साथ देय न हर दामन वो दागी है।

कभी कहा था तुमने भी गुलाबी क्रान्ति बंद करायेंगे।।
पायें दिल्ली का सिंहाशन गौ माता को पहले बचायेंगे।
करबद्ध प्रार्थना करें आपसे नहीं भ्रान्ति छलछंद चाहिए।।
फ़ौरन से भी जल्दी हमको गुलाबी क्रान्ति बंद चाहिये।

इस दिल्ली के सिंहासन को गौ-भक्तों ने पुनः चेताया है।
अब कोई इतिहास बनेगा कल ने दायित्व निभाया है ।।
संकेतों की भाषा समझो अभी कुछ भी बिगड़ न पाया है।
जिसका किया विरोध कलम न कभी भी बच न पाया है ।।

सोचो अभी काम हुआ न तो आगे कितनी ममता आयेंगी।
गौ माँ के पावन पुनीत कार्य में वे फिर पूतना बन जायेंगी ।।
बस आप काम प्रारम्भ करो आगे देखें तो कौन विरोधी है।
आस्तीन के साँप कौन हैं किसने अपनी कब्र आप ही खोदी है ।।

गर तीन मास में बात बनी न तो शान्ति पूर्ण धरने देंगे।
कवियों के छूटेंगे व्यंग्य बाण कुछ और नहीं करने देंगे।।
कोटि कोटि गौ भक्त साथ आ सब एक बात ही बोलेंगे।
गौ माता कि रक्षा खातिर सब जन खान पान भी छोड़ेंगे।।

बस पंचगव्य का सेवन कर भारत भर में अनशन होगा।
अब बने राष्ट्र माता गौ अपनी सब भक्तों का प्रण होगा
गौ माता की रक्षा खातिर इंतज़ार नहीं अब रण होगा।
गौ भक्तों का एक साथ मिल अनशन आमरण होगा ।।

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English summary
A Impressive Poetry on Cow written by Oneindia Reader and Poet Chetan Nitinraj Khare Chitravanshi.
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