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गणतंत्र दिवस केवल एक पर्व नहीं बल्कि देश का गौरव और सम्मान है...
26 जनवरी 1950 को डॉ.राजेन्द्र प्रसाद ने गवर्नमेंट हाउस के दरबार हाल में भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी।
बैंगलोर। भारत के लिए गणतंत्र दिवस केवल एक पर्व नहीं बल्कि गौरव और सम्मान है, ये दिवस हर भारतीय का अभिमान है, ना जाने कितने लोगों की कुर्बानी के कारण भारत मां को आजादी मिली थी लेकिन उस स्वतंत्रता को आकार 26 जनवरी को मिला था, क्योंकि इसी दिन हमारा संविधान लागू हुआ था।
आईये इस महान पर्व के बारे में जानते हैं कुछ बेहद ही खास बातें...
- 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ था।
- भारतीय संविधान को बनने में 2 साल, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था।
- 26 जनवरी 1950 को डॉ.राजेन्द्र प्रसाद ने गवर्नमेंट हाउस के दरबार हाल में भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी।
- भारत का संविधान एक लिखित संविधान है।
- भारत के पहले गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति सुकर्णो थे।
- 1955 से गणतंत्र दिवस समारोह राजपथ पर होने लग गया और यहां सेना परेड करने लग गई।
- गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर तिरंगा फहराया जाता है।
- फिर राष्ट्र गान गाया जाता है और 21 तोपों की सलामी होती है।
- 1957 में सरकार ने बच्चों के लिए राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार शुरू किया था।
- बहादुरी पुरस्कार 16 साल से कम उम्र के बच्चों को अलग-अलग क्षेत्र में बहादुरी के लिए दिया जाता है।
- 395 अनुच्छेदों और 8 अनुसूचियों के साथ भारतीय संविधान दुनिया में सबसे बड़ा लिखित संविधान है।
- गणतंत्र दिवस के मौके पर अशोक चक्र और कीर्ति चक्र जैसे महत्वपूर्ण सम्मान दिए जाते हैं।
- इसके बाद हमारी सेना अपना शक्ति प्रदर्शन और परेड मार्च करती है।
- 68वें गणतंत्र दिवस की परेड में क्या होगा खास, दिखा फुल ड्रेस अभ्यास में, देखिए तस्वीरें
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English summary
Republic Day honors the date on which the Constitution of India came into force on 26 January 1950 replacing the Government of India Act (1935) as the governing document of India.Here is Interesting Fact about Republic Day or 26th January of India.
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