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जानिए कैसे करनी चाहिए सावन में शिवलिंग की पूजा?
लखनऊ। 10 जुलाई से भगवान भोलेनाथ का प्रिय मास सावन की शुरूआत हो रही है। इस पावन पर्व में भगवान भोलेनाथ की विशेष प्रकार से पूजा करनी चाहिए।
आइये जानते है कि शिव जी की पूजा कब और कैसे करनी चाहिए?
सावन के महीने में शिवलिंग की पूजा की जाती है लिंग सृष्टि का आधार है और शिव विश्व कल्याण के देवता है। वैसे तो शिव जी की पूजा में कोई विशेष नियम की बाध्यता नहीं है। क्योंकि शिव बहुत ही भोले है वो सिर्फ भाव के भूखे है।
- शास्त्रों में शिवलिंग पूजा के कुछ नियम-विधान बताये गये है।
- जिस जगह पर शिवलिंग स्वथापित हो, उससे पूर्व दिशा की ओर मुख करके नहीं बैठना चाहिए।
- शिवलिंग से उत्तर दिशा में भी न बैठें। क्योंकि इस दिशा में भगवान शंकर का बॉया अंग होता है एंव शक्तिरूपा देवी उमा का स्थान होता है।
- पूजा के दौरान शिवलिंग से पश्चिम दिशा में बैठना भी उचित नहीं रहता है। क्योंकि इस दिशा में भोले बाबा की पीठ होती है। जिस कारण पीछे से देवपूजा करने से शुभ फल नहीं मिलता है।
- शिवलिंग से दक्षिण दिशा में ही बैठकर पूजन करने से मनोकामना पूर्ण होती है।
- उज्जैन के दक्षिणामुखी महाकाल और अन्य दक्षिणामुखी शिलिंग पूजा का बहुत अधिक धार्मिक महत्च है।
- शिवलिंग पूजा में दक्षिण दिशा में बैठकर करके साथ में भक्त को भस्म का त्रिपुण्ड लगाना चाहिए, रूद्राक्ष की माला पहननी चाहिए और बिना कटे-फटे हुये बिल्वपत्र अर्पित करना चाहिए।
- शिवलिंग की कभी पूरी परिक्रमा नहीं करनी चाहिए।
- आधी परिक्रमा करना ही शुभ होता है।
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English summary
It is believed that the month of Sawana is very dear to Lord Shiva. People observe fast on every monday of shravan month and worship Lord Shiva with enthusiasm and faith.
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