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जानिए कार्तिक पूर्णिमा में कैसे करें पूजा?
14 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा है, ऐसी मान्यता है कि इस दिन कृतिका में शिव शंकर के दर्शन करने से सात जन्म तक व्यक्ति ज्ञानी और धनवान होता है।
नई दिल्ली। 14 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा है, हिंदू धर्म में इस दिन की काफी मान्यता है। इसे कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा या गंगा स्नान के नाम से भी जाना जाता है। इस पुर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा की संज्ञा इसलिए दी गई है क्योंकि इस दिन ही भगवान शंकर ने त्रिपुरासुर नामक महाभयानक असुर का अंत किया था और वे त्रिपुरारी के रूप में पूजित हुए थे।
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ऐसी मान्यता है कि इस दिन कृतिका में शिव शंकर के दर्शन करने से सात जन्म तक व्यक्ति ज्ञानी और धनवान होता है। इस दिन चन्द्र जब आकाश में उदित हो रहा हो उस समय शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसूया और क्षमा इन छ: कृतिकाओं का पूजन करने से शिव जी की प्रसन्नता प्राप्त होती है।
आईये जानते हैं इसकी पूजन-विधि
- अगर संभव हो तो इस दिन हर जातक को गंगा स्नान करना चाहिए।
- स्नान के बाद उसे भगवान विष्णु की पूजा-आरती करनी चाहिए।
- इस दिन जातक को उपवास रखना चाहिए या फिर एक समय ही भोजन करना चाहिए।
- नमक का सेवन ना करें इस दिन और हो सके तो ब्राह्मणों को दान दें और उन्हें भोजन कराएं।
- शाम के समय निम्न मंत्र से चन्द्रमा को अर्घ्य देना चाहिए
- वसंतबान्धव विभो शीतांशो स्वस्ति न: कुरु
English summary
Kartika Poornima ( 14th November) is a Hindu and Jain holy festival, celebrated on the Purnima (full moon) day or the fifteenth lunar day of Kartika. Here is Puja Vidhi .
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