हरितालिका तीज : पूजा करने का सही मुहूर्त एवं समय
नई दिल्ली। पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाने वाला व्रत 'हरितालिका तीज' 4 सितंबर को है, हिंदी कलेंडर के हिसाब से ये व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतिया को रखा जाता है। उत्तर भारत में ये व्रत कुंवारी लड़कियां भी करती हैं क्योंकि ऐसा माना जाता है कि शिव जी को पति के रूप में पाने के लिए इस व्रत को पार्वती जी ने शादी से पहले किया था।
हरतालिका तीज व्रत, कथा और पूजा विधि
काशी के पंडित दिवाकर शास्त्री के मुताबिक इस बार तीज का पर्व काफी सुखद संयोग लेकर आया है। तृतिया तिथि 4 तारीख को सुबह 5 बजे से लग जायेगी इसलिए व्रत रखने वाली महिलाएं और लड़कियां इससे पहले ही सरगी कर लें।
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पूजा करने का सही मुहूर्त शाम 6 बजकर 04 मिनट से रात 8 बजकर 34 मिनट तक है। इस दौरान की गई पूजा बहुत सारी खुशियां और लाभ जातक को पहुंचायेगी।
मान्यता
कहते हैं मां पार्वती ने जंगल में जाकर भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कई सालों तक बिना पानी पिये लगातार तप किया था जिसके बाद भगवान शिव ने उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकारा था।
तपस्या और निष्ठा का व्रत
तपस्या और निष्ठा के साथ स्त्रियां यह व्रत रखती है वह बड़ा कठिन है, क्योंकि ये व्रत बिना पानी के रखा जाता है। इस व्रत का खास तौर पर उत्तर भारत में विशेष मान है।कहते हैं इस व्रत को करने से सात जन्मों तक महिलाओं को उनके पति सात जन्मों तक मिलते हैं।