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गुरू-पूर्णिमा: जानिए कुछ खास और रोचक बातें..
आज गुरू पूर्णिमा है। इस अलौकिक दिन के बारे में हर किसी की अपनी-अपनी सोच है।
भगवान मिले गुरु से, पैर छूकर लिया आशीर्वाद
आईये जानते हैं इस खूबसूरत पर्व के बारे में कुछ खास बातें
- आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहते हैं।
- इस दिन गुरु पूजा की जाती है।
- गुरु पूर्णिमा वर्षा ऋतु के आरम्भ होती है।
- इस ऋतु के बाद चार महीने तक पूजा यानी शिक्षा-ग्रहण का विधान है।
- क्योंकि इन चार महीनों में ना तो ज्यादा गर्मी होती है और ना ही सर्दी इसलिए ये चार महीने पढ़ाई के लिए सबसे अच्छे माने जाते हैं।
- वैसे गुरू-पूर्णिमा के दिन महाभारत के रचयिता कृष्ण द्वैपायन व्यास का जन्मदिन भी है।
- उन्होंने चारों वेदों की भी रचना की थी। इस कारण उनका एक नाम वेद व्यास भी है।
- उन्हें आदिगुरु कहा जाता है और उनके सम्मान में गुरु पूर्णिमा को व्यास पूर्णिमा नाम से भी जाना जाता है।
- भक्तिकाल के संत घीसादास का भी जन्म इसी दिन हुआ था वे कबीरदास के शिष्य थे।
- शास्त्रों में गु का अर्थ बताया गया है- अंधकार या मूल अज्ञान और रु का का अर्थ किया गया है- उसका निरोधक। गुरु को गुरु इसलिए कहा जाता है कि वह अज्ञान तिमिर का ज्ञानांजन-शलाका से निवारण कर देता है और अंधकार को हटाकर प्रकाश की ओर ले जाने वाले को 'गुरु' कहा जाता है।
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English summary
Guru Purnima is celebrated on the full moon day (Purnima) in the Hindu month of Ashadha (June–July) of the Shaka Samvat, as it is known in the Hindu calendar of India and Nepal
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