क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

गणेश चतुर्थी 2017: बप्पा का संदेश-रूप नहीं, गुण हैं महत्वपूर्ण

By पं. गजेंद्र शर्मा
Google Oneindia News

नई दिल्ली। हिंदू धर्म के प्रथम पूज्य देव गणेश अपने अद्भुत कार्यों के लिए जितने प्रसिद्ध हैं, उतने ही किस्से उनके अनूठे रूप-रंग को लेकर बने हैं। गणेश जी अपने गजमुख और स्थूल काया के कारण हमेशा से हास्य का केंद्र रहे हैं और हर बार उन्होंने यह साबित किया है कि रूप-रंग के स्थान पर गुण ही व्यक्ति को सदा प्रभावशाली बनाते हैं।

प्रस्तुत कथा भी एक ऐसी ही घटना से जुड़ी है-

बात उस समय की है, जब भगवान विष्णु का विवाह लक्ष्मी जी के साथ होना निश्चित हुआ था और इस प्रसन्नता के अवसर पर विष्णु जी ने सभी देवताओं को बारात में चलने के लिए निमंत्रित किया था। बारात स्वर्गलोक से लक्ष्मी जी के गृहनगर कुंदनपुर जाने वाली थी। लक्ष्मी जी की नगरी होने के कारण कुंदनपुर अटूट धन-संपदा से संपन्न था। वहां के निवासी भी उच्च स्तरीय जीवन शैली के लिए जाने जाते थे।

गणेश जी ने स्वर्गलोक में प्रवेश किया

गणेश जी ने स्वर्गलोक में प्रवेश किया

यही कारण था कि स्वर्गलोक के सभी देवताओं ने इस विवाह में सम्मिलित होने के लिए सर्वश्रेष्ठ तैयारियां की थीं। सभी देवगण हर तरह से ऐसी तैयारी चाहते थे कि कुंदनपुर के लोग उन्हें देखकर हैरान रह जाएं। बारात में शामिल होने के लिए वस्त्रों, गहनों, रत्नादि के अंबार लग रहे थे। ऐसे उल्लास भरे वातावरण में गणेश जी ने स्वर्गलोक में प्रवेश किया। वे भी आमंत्रित अतिथि थे और बारात में जाने के लिए बहुत ज्यादा उत्सुक भी थे। उन्हें देखकर सारे देवताओं के चेहरे उतर गए। वे किसी भी तरह गणेश जैसे अजब रंग-रूप-काया वाले देवता को अपने साथ ले जाकर बारात की शोभा नष्ट नहीं करना चाहते थे।

गणपति को नहीं ले जाना

गणपति को नहीं ले जाना

गणेश जी के आगमन से दुखी सभी देवताओं ने तुरंत ही बैठक की और तय किया कि किसी भी हालत में गणपति को नहीं ले जाना है। एक तो गणेश जी गजमुख हैं, तिस पर बहुत मोटे हैं और खाते भी बहुत हैं। अगर वे साथ गए तो हर तरह से बारात की किरकिरी होना तय है। ऐसा निश्चित कर सभी देवता श्री विष्णु के पास पहुंचे और उन पर दबाव बनाने लगे कि किसी भी तरह गणेश जी को बारात में नहीं ले जाया जाए। देवताओं ने विष्णु जी को सुझाव दिया कि गणेश जी को स्वर्गलोक की सुरक्षा की जिम्मेदारी देकर यहीं रोक दिया जाए। देवताओं के दबाव में विष्णु जी ने गणेश जी को बुलाकर बोल दिया कि हम सब जाते हैं। आप स्वर्गलोक की सुरक्षा के लिए यहीं रूकें। भगवान विष्णु की बात सुनकर गणेश जी का मन दुखी हो गया, पर वे अपनी जिम्मेदारी समझ स्वर्गलोक में ही रूक गए।

पहिए भूमि में घुस गए

पहिए भूमि में घुस गए

यहां तक सारी बात दबे-छुपे चल रही थी, पर देवलोक में नारद जी इधर की बात उधर करने के लिए ही बने हैं, तो उन्होंने गणेश जी को सारी सच्चाई बता दी। देवताओं का सारा खेल जानकर गणेश जी बहुत कु्रद्ध हुए, तब नारद जी ने उन्हें सुझाया कि आप अपने वाहन मूषकराज की मदद लीजिए। नारद जी के सुझाव के अनुसार मूषकराज अपनी सेना लेकर कुंदनपुर पहंुच गए और जिस रास्ते से बारात निकलने वाली थी, उसे अंदर ही अंदर खोखला कर दिया। जब देवता सज-धज कर बारात लेकर चले, तो विष्णु जी के रथ के बोझ से रास्ता ही धंस गया और उसके पहिए भूमि में घुस गए।

 जोर से गणपति जी के नाम का जाप किया

जोर से गणपति जी के नाम का जाप किया

मुश्किल में फंसे देवताओं ने अपना सारा जोर लगा लिया, पर रथ का पहिया तनिक ना हिला। उसी रास्ते के किनारे एक किसान अपने खेत जोत रहा था। देवताओं को संकट में देख उसने पहिया निकालने में मदद करने का प्रस्ताव दिया। देवताओं को उसकी दुबली- पतली काया देख विश्वास नहीं था, पर कोई चारा ना देख उन्होंने किसान को पहिया निकालने आने दिया। किसान ने आते ही जोर से गणपति जी के नाम का जाप किया और एक ही झटके में पहिया निकाल दिया। उसकी सफलता पर हैरान देवताओं ने पूछा कि उसने गणपति जी का ही नाम क्यों लिया?

गणपति से क्षमा मांगी

गणपति से क्षमा मांगी

उसकी सफलता पर हैरान देवताओं ने पूछा कि उसने गणपति जी का ही नाम क्यों लिया? इस पर किसान ने बताया कि गणपति जी प्रथम पूज्य हैं और विघ्नहर्ता भी। उनके स्मरणरण मात्र से कठिन से कठिन काम सध जाते हैं, सफलता निश्चित हो जाती है। किसान की बात सुनकर सभी देवता पानी-पानी हो गए। उन्हें अपनी भूल का आभास हो गया कि उन्होंने गुणों के स्थान पर रूप को महत्व देकर सही नहीं किया। लज्जित देवता वापस स्वर्गलोक लौटे, गणपति से क्षमा मांगी और उन्हें सबसे आगे रखकर वापस बारात निकाली। इस तरह विष्णु जी का विवाह निर्विघ्न संपन्न हुआ।

Comments
English summary
Usually Ganesh Chaturthi is a 10-day long festival, but this year it will be celebrated for 11 days – starting 25 August.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X